नई दिल्ली: भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल (एसोचैम) के डायरेक्टर राहुल गर्ग ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के सरकार के कदम की सराहना की है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में गर्ग ने कहा कि भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए बजट आवंटन के साथ-साथ विदेशी कंपनियों के लिए टैक्स की दर को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करना और विदेशी क्रूज को भारत में मध्यम टैक्स दर पर संचालित करने की अनुमति देना सही दिशा में उठाए गए कदम हैं. ये न केवल विकास का रास्ता खोलेंगे बल्कि घरेलू और विदेशी स्रोतों से भी निवेश आकर्षित करेंगे.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट 2024 पेश किया. अपने बजट भाषण में उन्होंने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी निवेश के नियमों को आसान बनाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि एफडीआई और विदेशी निवेश के लिए नियमों और विनियमों को सरल बनाया जाएगा, ताकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाया जा सके, प्राथमिकता को बढ़ावा दिया जा सके और विदेशी निवेश के लिए भारतीय रुपये को मुद्रा के रूप में उपयोग करने के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने की घोषणा की.
एसोचैम के डायरेक्टर राहुल गर्ग ने कहा कि बजट में विकास के 10 साल के सरकारी एजेंडे का पालन किया गया है. विकास का 10 साल का सरकारी एजेंडा राष्ट्र के चरित्र निर्माण, राष्ट्र में कौशल निर्माण, 'आत्मनिर्भरता' के लिए विकास को खोजने पर आधारित है और यह इस बजट में बहुत स्पष्ट है. जहां तक टैक्स का सवाल है, पूंजीगत लाभ में बदलाव को छोड़कर टैक्स की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है. इनकम टैक्स दरों में लोगों को थोड़ी राहत मिली है क्योंकि नई कर व्यवस्था के तहत बजट में घोषित परिवर्तनों के बाद कोई भी व्यक्ति सालाना आयकर में 17,500 रुपये तक की बचत कर सकता है.
घरेलू और विदेशी स्रोतों से निवेश आकर्षित करेंगे...
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर सामाजिक सुरक्षा के संदर्भ में आवंटन, बुनियादी ढांचे के संदर्भ में आवंटन जारी रखा जा रहा है जैसा कि अंतरिम बजट में वादा किया गया था और भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के संदर्भ में आवंटन के साथ-साथ विदेशी कंपनियों के लिए टैक्स की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करना और विदेशी क्रूज को भारत में मध्यम टैक्स दर पर संचालित करने की अनुमति देना, सही दिशा में उठाए गए कदम हैं जो न केवल विकास की दिशा में रास्ता खोलेंगे बल्कि घरेलू और विदेशी स्रोतों से निवेश आकर्षित करेंगे.