नई दिल्ली: हाल ही में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को अपनी मंजूरी दी. यह आयोग 2026 तक केंद्र सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन संशोधन को लेकर अपनी सिफारिशें देगा. नया वेतन आयोग की रिपोर्ट के बाद ही केंद्र सरकार फैसला करेगी कि पैनल के सुझावों को कैसे लागू किया जाए. ऐसा माना जा रहै है कि सरकार 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सकती है.
हालांकि, कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा, यह फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करता है. अगर फिटमेंट कम होगा तो कम सैलरी बढ़ेगी और अगर ज्यादा होगा तो तनख्वाह ज्यादा बढ़ेगी. फिटमेंट फैक्टर तय हो जाने के बाद ही यह पता है चलता कि वेतन में कितनी वृद्धि होने जा रही है? ऐसे में केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी फिटमेंट फैक्टर के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं.
बता दें कि फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है, जिसका इस्तेमाल मौजूदा मूल वेतन पर लागू करके संशोधित वेतन के कैलकुलेशन के लिए किया जाता है. 7वें वेतन आयोग के समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इस हिसाब से नए वेतन आयोग के तहत सैलरी 2.57 गुना बढ़ी और सात हजार से यह 18 हजार पहुंच गई.
कितना होगा फिटमेंट फैक्टर?
ऐसा अनुमान है 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो जाएगा, जिससे संभावित रूप से न्यूनतम मूल वेतन 51,480 रुपये हो जाएगा. यानी कर्मचारियों की सैलरी में 186 प्रतिशत तक का इजाफा होगा. इतना ही नहीं जो लोग पेंशन पा रहे हैं यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा.
कितनी बढ़ेगी मल्टी-टास्किंग स्टाफ और LDC की सैलरी?
फाइनेशिंयल एक्सप्रेसके मुताबिक अगर 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो जाता है तो लेवल- 1 कर्मचारियों की सैलरी 18 हजार रुपये महीना से बढ़कर 51 480 तक पहुंच सकती है. यानी उनकी बेसिक सैलरी में लगभग 33480 रुपये का इजाफा होगा. उल्लेखनीय है कि लेवल-1 में चपरासी, अटेंडेंट्स और मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) के कर्मचारी आते हैं.