करनाल :लोग अकसर अपने ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए सात समंदर पार जाना चाहते हैं लेकिन कभी-कभी उनका ये सपना उनके और उनके परिवार के लिए काफी भारी भी पड़ जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ है हरियाणा के करनाल के रहने वाले 26 वर्षीय मोनू के साथ जिसकी अमेरिका के न्यूयॉर्क में गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
करनाल के मोनू की अमेरिका में हत्या :करनाल के निसिंग निवासी मोनू की अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई है. मोनू वहां पर फूड डिलीवरी का काम किया करता था. वो रात की शिफ्ट पूरी करके सुबह करीब 4.30 बजे अपने बाकी दोस्तों के साथ अपने घर जा रहा था. तभी इस दौरान उसकी और उसके दो दोस्तों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या के पीछे लूटपाट वजह थी या कोई और वजह थी, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है. फिलहाल करनाल के निसिंग में मोनू की मौत के बाद उनके घर पर मातम पसरा हुआ है. उनके परिवार ने सरकार से उनके बेटे के शव को भारत लाने की गुहार लगाई है.
डंकी रूट से गया था अमेरिका :मृतक युवक मोनू के पिता पवन वर्मा ने बताया कि मोनू करीब 2 साल पहले ही 35 लाख रुपए लगाकर डंकी रूट से अमेरिका गया था और अमेरिका के न्यूयॉर्क में फूड डिलीवरी का काम कर रहा था. वो वहां अच्छे पैसे भी कमा रहा था लेकिन बीती रात करीब 10 बजे मोनू के रूममेट ने अमेरिका से कॉल करके बताया कि मोनू की हत्या कर दी गई है. मृतक युवक की मां सुनीता देवी ने कहा कि वो एक बार अपने बच्चे को अंतिम बार देखना चाहती है और उसको अंतिम विदाई देना चाहती हैं. इसलिए वे सरकार से अपने बेटे को भारत वापस लाने की अपील कर रही हैं. वहीं आपको बता दें कि मृतक मोनू के 5 भाई बहन है जिसमें मोनू सबसे छोटा था और सबका दुलारा था.
मोनू का शव लाने के लिए सरकार से गुहार :युवक के ताऊ ने बताया कि मोनू को हमने बड़े अरमानों के साथ बाहर भेजा था और उसके लिए हमने बैंक और अन्य रिश्तेदारों से कर्ज लिया था ताकि हमारा बच्चा बाहर जाकर सेटल हो सके. उनको नहीं पता था कि अब वे कभी उसको दोबारा नहीं देख पाएंगे. उन्होंने बताया कि अमेरिका जाने से पहले मोनू पुर्तगाल में रहता था. वहां पर उसको परमानेंट सिटीजनशिप तक मिल चुकी थी. लेकिन वो वहां ना रहकर अमेरिका जाना चाहता था. इसलिए वो पुर्तगाल से भारत आया और उसके बाद फिर अमेरिका जाने के लिए करीब 35 लाख रुपए का कर्ज लेकर उसे डंकी रूट से वहां भेजा गया. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. अब वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके बेटे के शव को भारत लाने में उनकी मदद की जाए.