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रूस-यूक्रेन युद्ध ने छीना हरियाणा का "लाल", रो-रोकर परिवार का हो गया बुरा हाल - Kaithal Youth Dies in Ukraine War

Youth from Kaithal Haryana dies in Russia Ukraine war : हरियाणा के कैथल के रहने वाले रवि मौण की रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान मौत हो गई है. रूस में रोजगार के नाम पर रवि के साथ धोखाधड़ी की गई थी. रूस में ड्राइवर की नौकरी दिलाने के बजाय उन्हें युद्ध में झोंक दिया गया था. युद्ध में लापता होने के 5 महीने के बाद दूतावास ने फोन कर कैथल में परिवार को इसके बारे में ख़बर दी है. दूतावास ने अब परिवार से शव को सौंपने के लिए डीएनए रिपोर्ट मांगी है.

Youth from Kaithal Haryana dies in Russia Ukraine war body will be sent to India after DNA match
रूस-यूक्रेन युद्ध ने छीना हरियाणा का "लाल" (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 29, 2024, 8:20 PM IST

रूस-यूक्रेन युद्ध में मारा गया हरियाणा का "लाल" (Etv Bharat)

कैथल :रूस-यूक्रेन वॉर में भारत के कई युवाओं के फंसे होने की ख़बरें अकसर सामने आती रही है. ऐसे में हरियाणा के कैथल के लिए एक बुरी ख़बर आई है. रूस-यूक्रेन युद्ध में कैथल के मटौर गांव के रहने वाले 22 वर्षीय रवि मौण की मौत हो गई है. उनके परिवार के आंसू अब थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध में हुई मौत :कैथल में रवि के भाई अजय ने जानकारी देते हुए बताया कि 13 जनवरी 2024 को रोजगार की तलाश में उनका भाई रवि गांव के बाकी 6 युवकों के साथ विदेश गया था. रूस में उन्हें नौकरी दिलाने की बात कही गई थी जिसके लिए परिवार ने ज़मीन बेचकर एजेंट को साढ़े 11 लाख रुपए भी दिए थे. लेकिन उनके भाई को रूस-यूक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया. रवि से एजेंट ने रशियन लैंग्वेज में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया. फिर उसके साथ जोर-जर्बदस्ती करते हुए युद्ध की फ्रंटलाइन पर भेज दिया गया. रवि का पासपोर्ट और फोन तक उससे छीन लिए गए. किसी दूसरे के नंबर से फोन करके रवि ने उन्हें जानकारी दी थी. रवि को 3 मार्च को रशियन टैंक के साथ युद्ध के लिए भेज दिया गया था. 6 मार्च को रवि ने वीडियो डालते हुए पूरे मामले की जानकारी परिवार को दी. इसके बाद से उनकी रवि के साथ कभी बातचीत नहीं हो पाई.

डेड बॉडी लाने के लिए सरकार से गुहार :21 जुलाई को उन्होंने दूतावास से संपर्क किया तो 23 जुलाई को उनके पास मैसेज आया कि रवि की युद्ध के दौरान मौत हो चुकी है. साथ ही उन्हें पिता की डीएनए टेस्ट करवाने के लिए मैसेज भी भेजा गया है. अजय ने बताया कि उन्हें कहा गया है कि डीएनए मैच होने के बाद ही डेड बॉडी को भेजा जाएगा. उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से भी इस मामले को लेकर मुलाकात की. उनसे भी उन्हें आश्वासन मिला है. वहीं अब परिवार डेड बॉडी को लाने के लिए सरकार से मदद मांग रहा है क्योंकि उनके पास डेड बॉडी को लाने के लिए कोई संसाधन नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रवि के शव को भारत लाने के लिए मदद करने की गुहार लगाई है. इस बीच कलायत डीएसपी ललित कुमार ने पूरे मामले में जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें परिवार से रवि के बारे में जानकारी मिली है और मामले में कार्रवाई करते हुए एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दूसरा एजेंट भी पुलिस के रडार पर है.

रवि के मामले से उठे कई सवाल : कैथल के रवि मौण की मौत से कई सवाल खड़े हो गए हैं. आखिरकार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर विदेश ले जाने वाले एजेंटों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं करती. क्यों ऐसे एजेंटों में कानून का डर नहीं है जिसके चलते वे युवाओं का भविष्य बर्बाद करने में लगे हुए हैं. वहीं एक सवाल ये भी है कि लोग सात समंदर पार जाने के लिए क्यों अपनी जमा-पूंजी लुटा रहे हैं. क्यों वे जागरूक करने की कोशिशों के बावजूद ऐसे फ्रॉड एजेंटों के झांसे में आ जाते हैं. रवि मौण का मामला ऐसे लोगों के लिए सबक है जो आज भी किसी एजेंट को विदेश जाने के लिए पैसे देने की सोच रहे हैं.

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