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SC ने रेप मामले में रेवन्ना की जमानत याचिका खारिज की, कहा- आप बहुत पावरफुल हैं - SUPREME COURT

सुप्रीम कोर्ट से कर्नाटक के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

Revanna's bail plea rejected
सुप्रीम कोर्ट (IANS)

By Sumit Saxena

Published : Nov 11, 2024, 2:20 PM IST

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.

लोकसभा चुनाव से पहले कथित वीडियो लीक होने के बाद ये मामले प्रकाश में आया था. रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पोते हैं. यह मामला न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष आया. रेवन्ना ने वकील बालाजी श्रीनिवासन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

रेवन्ना का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि आरोप गंभीर हैं लेकिन इसमें दो-तीन कारक हैं. उन्होंने कहा, 'शिकायत में धारा 376 के किसी मुद्दे की बात नहीं की गई है. उनके मुवक्किल ने सांसद का चुनाव लड़ा था, लेकिन इस मामले के कारण वह चुनाव हार गए.' इसपर न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने कहा, 'आप बहुत पावरफुल हैं.'

रोहतगी ने कहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है. उन्होंने ने कहा, 'मेरा मुवक्किल विदेश में था. वह वापस आया और आत्मसमर्पण कर दिया. अब आरोपपत्र दाखिल हो गया है. प्रज्वल रेवन्ना पहले सांसद थे. रेवन्ना सांसद के लिए चुनाव लड़े. हालांकि इन सबके कारण वे चुनाव हार गये. हालांकि, पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह याचिका पर विचार करने के लिए उत्सुक नहीं है. न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया.

रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि उनका मुवक्किल 6 महीने बाद आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि कोर्ट इस बारे में कुछ नहीं कह रहा है. प्रज्वल के पिता एच. डी. रेवन्ना को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. उनकी मां भवानी रेवन्ना का नाम भी शिकायत में आरोपी के रूप में दर्ज है. उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई है.

रेवन्ना द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में हाईकोर्ट द्वारा 21 अक्टूबर को पारित आदेश को चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया वासना और इंद्रियों की भ्रष्टता को दर्शाते हैं. इसका समाज पर भयावह प्रभाव पड़ा है.

मई में प्रज्वल को जर्मनी से लौटने पर सीआईडी ​​की एसआईटी ने बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. सैकड़ों अश्लील वीडियो सामने आने के बाद वह 35 दिनों तक जर्मनी में छिपे थे. इसमें कथित तौर पर उन्हें कई महिलाओं के साथ दिखाया गया था. वह 40,000 से अधिक वोटों से चुनाव हार गये थे.

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