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वाईएस शर्मिला ने आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया - Y S Sharmila

Y S Sharmila : वाईएस शर्मिला ने आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर आभार जताने के साथ ही राज्य सरकार पर हमला बोला. बता दें कि आंध्र प्रदेश में वाईएस शर्मिला के भाई वाईएस जगन मोहन रेड्डी हैं. Andhra Pradesh Congress Committee

Y S Sharmila
वाईएस शर्मिला

By PTI

Published : Jan 21, 2024, 7:22 PM IST

विजयवाड़ा : वाईएस शर्मिला ने रविवार को यहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी(एपीसीसी) के अध्यक्ष पद की शपथ ली. नवनियुक्त एपीसीसी अध्यक्ष ने उन पर भरोसा जताने और उन्हें जिम्मेदारी सौंपने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को धन्यवाद दिया. शर्मिला ने कहा, 'वाई एस राजशेखर रेड्डी ने दो बार पीसीसी (अध्यक्ष) का पद संभाला और दो बार मुख्यमंत्री बने. फिर से राजशेखर रेड्डी की संतान वाई एस शर्मिला पर विश्वास करते हुए कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, (मल्लिकार्जुन) खड़गे और पार्टी के बुजुर्गों ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी है.'

बिना कुछ कहे, शर्मिला ने तुरंत अपने भाई और मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा)पर तीखा हमला किया. उन्होंने दावा किया कि वाईएसआरसीपी सरकार के तहत पिछले पांच वर्षों में और उससे पहले तेदेपा के शासन में पांच साल में आंध्र प्रदेश में कोई विकास नहीं हुआ. शर्मिला ने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी और तेदेपा सरकारों ने आंध्र प्रदेश को लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के गहरे कर्ज में धकेल दिया है. जगन मोहन रेड्डी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के पास सड़कें बनाने या कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं है.

एपीसीसी अध्यक्ष ने सवाल किया कि क्या आंध्र प्रदेश के पास कोई राजधानी है या उसे बनाने के लिए धन है और उन्होंने कहा कि राज्य के एक भी शहर में मेट्रो ट्रेन की सुविधा नहीं है. शर्मिला ने कहा कि आंध्र प्रदेश में दलितों के खिलाफ अत्याचार और माफिया के नेतृत्व में अवैध रेत खनन में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने तेलंगाना के अलग होने के 10 साल बाद भी राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिलने का संदर्भ देते हुए आंध्र प्रदेश की तुलना हिमाचल प्रदेश से की और बताया कि विशेष दर्जा प्राप्त करने के बाद हिमाचल प्रदेश कई उद्योगों को आकर्षित करने में कैसे कामयाब रहा.

शर्मिला ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी जब तक विपक्ष में थे तब तक उन्होंने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए वाईएसआरसीपी और तेदेपा को समान रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों की कठपुतली बन गई हैं, उसके सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और दोनों 'एक ही सिक्के के दो पहलू' हैं.

भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी केंद्र में 10 साल से सत्ता में है और उसने हर साल देश में दो करोड़ नौकरियां पैदा करने का वादा किया था, लेकिन यह सवाल है कि क्या इस अवधि में आंध्र प्रदेश में एक लाख नौकरियां भी पैदा की गईं? शर्मिला ने जोर देकर कहा कि वाईएसआर कांग्रेस या तेदेपा को कोई भी वोट देना भाजपा के लिए वोट देना होगा क्योंकि दोनों पार्टियों ने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी का उसके सभी प्रयासों में समर्थन किया है.

उन्होंने दोनों दलों से आह्वान किया कि वे भाजपा को तभी समर्थन दें, जब वह आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दे और पोलावरम परियोजना को उसकी लागत का 90 प्रतिशत वित्त पोषण करके राष्ट्रीय परियोजना के रूप में मान्यता दे. शर्मिला ने राजशेखर रेड्डी के सभी प्रशंसकों और प्रशंसकों से कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने का खुला आह्वान किया. बाद में, हाल ही में वाईएसआर कांग्रेस छोड़ने वाले मंगलगिरी विधायक ए रामकृष्ण रेड्डी शर्मिला की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए.

इस बीच, विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त कांथी रतन टाटा ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि जब शर्मिला बंदर रोड पर शपथ ग्रहण समारोह स्थल की ओर जा रही थीं, तब पुलिस ने उनके काफिले को नहीं रोका था.

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