हैदराबाद : आज के समय में लोग इतने स्ट्रेस में रहते हैं कि अगर उनसे पूछा जाए कि आप पिछली बार कब हंसे थे, तो तमाम लोगों को याद भी नहीं आएगा. वैसे तो हंसने के लिए कोई पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन लाइफस्टाइल और काजकाज के बीच बैलेंस बनाने के चक्कर में हम इतना टेंशन ले लेते है कि एक-दूसरे के साथ मिलना-जुलना और हंसना-हंसाना भूल ही गए हैं. ऐसे में हमारे दैनिक जीवन में हास्य और हंसी के महत्व को बताने के विश्व हंसी दिवस मनाया जाता है.
हर साल मई के पहले रविवार को वर्ल्ड लाफ्टर डे मनाया जाता है. इस दिन जगह-जगह हंसी को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. 'वर्ल्ड लाफ्टर डे' की थीम लोगों को हंसने और खुश रखने पर जोर देती है. हर काम हंसी-हंसी करने से जिंदगी तो अच्छी लगने ही लगती है, साथ ही कई बीमारियां भी अपने आप छू-मंतर हो जाती है. मनोवैज्ञानिक प्रयोगों से यह स्पष्ट हुआ है कि अधिक हंसने वाले बच्चे अधिक बुद्धिमान होते हैं. हंसना सभी के शारीरिक और मानसिक विकास में अत्यंत सहायक है.
हंसी दिवस हंसी की कला और लोगों को फिर से जीवंत और स्वस्थ करने की इसकी क्षमता को समर्पित है. यह हमारे रोजमर्रा के जीवन में हास्य और हंसी के महत्व पर विचार करने का एक अवसर है. हमारे दैनिक जीवन में हास्य और हंसी के महत्व को प्रतिबिंबित करने का दिन है. हंसने से सेहत को भी कई फायदे होते हैं. इस वर्ष, विश्व हंसी दिवस 5 मई 2024 को मनाया जा रहा है. आइए जानते हैं अंतरराष्ट्रीय हंसी दिवस 2024 का इतिहास, महत्व, विषय और मनाने के तरीके...
इतिहास
आप को जानकर खुशी होगी कि वर्ल्ड लाफ्टर डे की शुरुआत भारत में हुई. सबसे पहले 10 मई 1998 को मुंबई में इसे मनाया गया था. विश्व हास्य दिवस की शुरुआत हंसी योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया ने की थी. तब से हर साल मई के पहले रविवार को वर्ल्ड लाफ्टर डे के रूप में मनाया जाने लगा. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में हंसी के माध्यम से आपसी प्यार और मेलजोल को बढ़ावा देना है.
डॉ. मदन ने 1995 में हास्य योग आंदोलन की शुरुआत इस उद्देश्य के साथ की थी कि चेहरे की प्रतिक्रिया की परिकल्पना यह बताती है कि किसी व्यक्ति के चेहरे के भाव उनकी भावनाओं पर प्रभाव डाल सकते हैं. यह हंसी के माध्यम से भाईचारे और दोस्ती की वैश्विक चेतना का निर्माण करता है.
क्या आप जानते हैं कि 'HAPPY-DEMIC' भारत के बाहर पहली विश्व लाफ्टर डे सभा थी? यह 2000 में डेनमार्क के कोपेनहेगन के टाउन हॉल स्क्वायर में हुई था जिसमें 10,000 से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे. सभा बड़ी थी, लोग एक साथ इस तरह हंसे के ये घटना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गई.
हास्य दिवस का उद्देश्य
विश्व हास्य दिवस की शुरुआत विश्व में शांति की स्थापना और मानवमात्र में भाईचारे और सदभाव के उद्देश्य से की गई है. इस दिवस की लोकप्रियता 'हास्य योग आंदोलन' के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल गई. आज पूरे विश्व में 6,000 से भी अधिक हास्य क्लब हैं. इस मौके पर देश और विदेश के प्रमख शहरों में रैलियां, हास्य प्रतियोगिताएं एवं सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है. हास्य मनुष्य के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. जब व्यक्ति समूह में हंसता है, तो यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाता है और क्षेत्र से नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है.