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विश्व विख्यात जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को दी गई विनयांजलि - आचार्य समय सागर जी महाराज

Acharya Shri Vidyasagar Ji Maharaj Vinayanjali sabha: विश्व विख्यात जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को रविवार को विनयांजलि दी गई. राजनांदगांव जिले के चंद्रगिरी में ही मुनिश्री समय सागर जी महाराज की मौजूदगी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को विनयांजलि दी गई.

Acharya Shri Vidyasagar Ji Maharaj Vinayanjali sabha
विद्यासागर जी महाराज को विनयांजलि

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 25, 2024, 7:20 PM IST

विद्यासागर जी महाराज की विनयांजलि सभा

राजनांदगांव:विश्व विख्यात जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को पूरे देश में विनयांजलि दी जा रही है. 18 फरवरी को आचार्य श्री के देवलोक गमन के बाद पूरे देश भर में उन्हें विनयांजलि दी जा रही है. राजनांदगांव के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के देवलोक गमन हो गया. वह ब्रह्मलीन हो गए. वहीं चंद्रगिरी में भी मुनिश्री समय सागर जी महाराज की मौजूदगी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को रविवार को विनयांजलि दी गई. इस दौरान सैकड़ो की तादाद में अन्य मुनि और जैन समाज के लोग वहां मौजूद थे.

18 फरवरी को ब्रह्मलीन हुए थे आचार्य श्री:दरअसल, राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ स्थल में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज 18 फरवरी की रात 2:30 बजे विधिवत संलेखना धारण करते हुए उनका देवलोक गमन हो गया. आचार्य श्री ब्रह्मलीन हो गए. आज 25 फरवरी को पूरे देश भर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को विनयांजलि दी जा रही है. उन्हें याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है.

देश भर से लोग दे रहे विनयांजलि: संलेखना धारण करने के पहले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपने प्रथम शिष्य मुनि श्री समय सागर जी महाराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए उन्हें आचार्य पद देने की घोषणा की थी. वहीं, डोंगरगढ़ चंद्रगिरी में मुनिश्री समय सागर जी महाराज और अन्य मुनियों की मौजूदगी में आज विनांजलि सभा का आयोजन किया गया है. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के देवलोक गमन के बाद आचार्य श्री का समाधि स्थल डोंगरगढ़ चंद्रगिरी में बनाया जाएगा. वहीं, उनके अस्थि कलश के दर्शन के लिए पूरे देश भर से लोग चंद्रगिरी डोंगरगढ़ पहुंच रहे हैं. उनके अस्थि कलश का दर्शन कर उन्हें नमन कर रहे हैं. पूरे देश में विनयांजलि सभा का आयोजन कर आचार्य श्री को याद किया जा रहा है. उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की जा रही है. उनके द्वारा दिए गए उपदेशों को याद किया जा रहा है.

जानिए कौन थे जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज:जैन धर्म के प्रमुख गुरु जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज थे. मुनि का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था. इनका जन्म कर्नाटक के बेलगांव जिले के सदलगा गांव में हुआ था. दीक्षा के पहले भी उनका नाम विद्यासागर ही था. उन्होंने 22 साल की उम्र में घर-परिवार छोड़कर 30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर में अपने गुरु आचार्य श्रीज्ञानसागर जी महाराज से दीक्षा ली थी. दीक्षा के बाद मुनिश्री ने कठोर तपस्या की थी.

जानिए कौन हैं आचार्य समय सागर जी महाराज:संत शिरोमणि आचार्य समय सागर जी महाराज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थ जीवन में सगे छोटे भाई हैं. साथ ही उनके शिष्य भी हैं. संलेखना धारण से पहले विद्यासागर जी महाराज ने इनको अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था..आचार्य समय सागर जी महाराज अभी 65 साल के हैं.वह मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं.

डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी पर्वत पर जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज की विनयांजलि सभा, आचार्य समय सागर रहेंगे मौजूद
आज जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की विनयांजलि सभा, डोंगरगढ़ में दी जाएगी श्रद्धांजलि
मुनि श्री समय सागर जी महाराज होंगे विद्यासागर जी महाराज के उत्तराधिकारी, 17 साल की उम्र में ली दीक्षा

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