हैदराबाद : पर्यावरण हर किसी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है. सभी मनुष्य, जानवर, प्राकृतिक पौधे, पेड़-पौधे, मौसम, जलवायु सभी पर्यावरण के अंतर्गत समाहित हैं. पर्यावरण न केवल जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है बल्कि जीवन के लिए आवश्यक सभी चीजें भी प्रदान करता है.
हमारी भूमि, हमारा भविष्य:
पूरी दुनिया में पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है. जंगलों और शुष्क भूमि से लेकर खेत और झीलों तक, प्राकृतिक स्थान जिन पर मानवता का अस्तित्व निर्भर करता है, वे एक निर्णायक बिंदु पर पहुंच रहे हैं.
मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अनुसार ग्रह की 40 प्रतिशत भूमि क्षरित हो चुकी है, जिसका सीधा असर दुनिया की आधी आबादी पर पड़ रहा है. 2000 के बाद से सूखे की संख्या और अवधि में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. तत्काल कार्रवाई के बिना, 2050 तक दुनिया की तीन-चौथाई से अधिक आबादी सूखे से प्रभावित हो सकती है.
भूमि बहाली पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-2030) का एक प्रमुख स्तंभ है, जो दुनिया भर में पारिस्थितिकी तंत्रों के संरक्षण और पुनरुद्धार (Restoration) के लिए एक रैली का आह्वान है, जो सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है.
यही कारण है कि विश्व पर्यावरण दिवस 2024 भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण को रोकने और 'हमारी भूमि. हमारा भविष्य' नारे के तहत सूखे के प्रति लचीलापन बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है. हम समय को पीछे नहीं मोड़ सकते, लेकिन हम जंगल उगा सकते हैं, जल स्रोतों को पुनर्जीवित कर सकते हैं और मिट्टी को वापस ला सकते हैं. हम वह पीढ़ी हैं जो भूमि के साथ शांति बना सकती है.
2024 में मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की 30वीं वर्षगांठ होगी. मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के पक्षकारों के सम्मेलन (सीओपी 16) का सोलहवां सत्र 2 से 13 दिसंबर 2024 तक सऊदी की राजधानी रियाद में आयोजित किया जाएगा.