अमरावती:आंध्र प्रदेश की रहने वाली वेलागपुड़ी विजयलक्ष्मी ने कृष्णा जिले के यानमालकुदरु में एक अस्पताल को साढ़े चार करोड़ रुपये दान दिए. विजयलक्षमी सालों पहले अपने पति के साथ विजयवाड़ा में आकर बस गई थीं. उनके पति उमामहेश्वर राव पेशे से इलेक्ट्रीशियन थे.
उमामहेश्वर राव की विजयवाड़ा और आसपास के इलाके में अच्छी प्रतिष्ठा थी. वह इस बात से से परेशान थे कि जहां वे पैदा हुए. पढ़े-लिखे वहां कोई अच्छा अस्पताल नहीं हैं. इसकी वजह से लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उमामहेश्वर राव का सपना अपने गांव के लिए कुछ अच्छा करने का था.
साढ़ चार करोड़ रुपये किए दान
हालांकि, उस सपने को पूरा करने से पहले ही वे इस दुनिया से चले गए. उमामहेश्वर राव की मौत के बाद उनकी पत्नी ने विजयलक्ष्मी ने उनका सपना पूरा करने की ठान ली. इस सपने को पूरा करने के लिए विजयलक्ष्मी ने कई सेवा कार्यक्रम शुरू किए. इतना ही नहीं अब उन्होंने 4 करोड़ 50 लाख रुपये का दान देकर गरीबों के लिए चिकित्सा सेवा का इंतेजाम भी कर दिया.
विजयलक्ष्मी ने बताया कि राव हमेशा सोचते थे कि उनके पैतृक गांव में उचित चिकित्सा सेवाएं नहीं हैं और लोगों की मदद के लिए वहां एक अस्पताल बनाया जाना चाहिए. कुछ समय बाद उन्होंने काम से छुट्टी ले ली, तब तक उनके बच्चे पढ़-लिखकर अमेरिका में बस गए थे. यह अस्पताल बनाने के विचार को अमल में लाने का यह सही समय था, तभी दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई.
बेटों की मदद से अस्पताल निर्माण का काम किया शुरू
पति की मृत्यु के कारण विजयलक्ष्मी उदास हो गई और अब वह हर हाल में अपने पति की महत्वाकांक्षा को पूरा करना चाहती थीं. विजयलक्ष्मी ने अपने पति की महत्वाकांक्षा को अपने बेटों के साथ शेयर किया. इसके बाद विजयलक्षमी को अपने बेटों का साथ भी मिल गया.