श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश का 'स्थापना दिवस' मना रहा है, जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि होंगे. नौकरशाहों के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के नए विधायकों को भी निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के विधायकों ने कहा कि वे इस समारोह में शामिल नहीं होंगे, जिसे उन्होंने पिछले पांच सालों में 'काला दिवस' कहा है.
कांग्रेस के एक विधायक ने ईटीवी भारत से कहा, " हम यहां राज्य के दर्जा को कम करने का जश्न कैसे मना सकते हैं , जबकि लोगों ने हमें राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए वोट दिया था."
पिछले साल जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस ने इस दिन को काला दिवसके रूप में मनाया था और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया था. श्रीनगर में तत्कालीन कांग्रेस जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष विकार रसूल वानी और जम्मू में कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायकों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन पार्टी से कोई भी नेता इस समारोह में शामिल नहीं होगा.
जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के फैसले के खिलाफ
नबी ने ईटीवी भारत से कहा, "हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं, जब हम जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के फैसले के खिलाफ हैं और पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहे हैं. एनसी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव भी पारित किया था."
नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक विधायक, जिन्हें SKICC में आयोजित कार्यक्रम में VVIP के तौर पर आमंत्रित किया गया है, ने कहा कि वह उस दिन में कैसे शामिल हो सकते हैं जो पूरे जम्मू-कश्मीर के लिए काला दिन है. विधायक ने ईटीवी भारत से कहा, "हम इसे काले दिन के तौर पर मनाते हैं, यह हमारे लिए जश्न कैसे हो सकता है."
'राज्य के पतन का जश्न नहीं मना सकते'
पुलवामा जिले के त्राल निर्वाचन क्षेत्र से पीडीपी विधायक ने कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला है. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, "मुझे संभागीय प्रशासन से कोई निमंत्रण नहीं मिला है. मैं किसी भी समारोह में नहीं जाऊंगा. हम अपने पतन और एक राज्य के पतन का जश्न नहीं मना सकते."