नई दिल्ली: क्या मोदी सरकार वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के लिए ट्रेन कैंसिलेशन चार्ज माफ करने पर विचार कर रही है? दरअसल, यह सवाल समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने वेटिंग लिस्टेड टिकटों पर कैंसिलेशन चार्ज लगाए जाने का मुद्दा उठाए जाने के बाद उठ रहा है. इकरा हसन ने पूछा कि क्या सरकार को पता है कि IRCTC की वेबसाइट वेटिंग लिस्टेड टिकटों पर कैंसिलेशन चार्ज लगाती है, भले ही रेलवे द्वारा सीटों की कमी के कारण उन्हें रद्द किया गया हो.
उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या सरकार रेलवे द्वारा कैंसिल किए गए वेटिंग लिस्टेड टिकटों के लिए इन चार्ज को माफ करने की योजना बना रही है? इसके जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक लिखित जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि मंत्रालय सभी वेटिंग लिस्टेड टिकटों पर क्लर्केज चार्ज लगाता है.
टिकत कैंसिल करने पर लगता है क्लर्केज शुल्क
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि अन्य सोर्स के साथ-साथ कैंसिलेशन से जनरेट होने वाले राजस्व का उपयोग रेलवे के रखरखाव और परिचालन खर्चों को कवर करने के लिए किया जाता है. रेल मंत्री ने कहा, "रेल यात्री (टिकट रद्द करना और किराया वापसी) नियम 2015 के अनुसार आईआरसीटीसी वेबसाइट के माध्यम से रद्द किए गए टिकटों के साथ-साथ सभी वेटिंग लिस्ट सूची वाले टिकटों को रद्द करने पर क्लर्केज शुल्क लगाया जाता है."
यात्रियों के पास अपग्रेडेशन का विकल्प
उन्होंने यह भी बताया कि एडवांस रिजर्वेशन पीरियड के दौरान कंफर्म या आरएसी टिकटों के रद्द होने के परिणामस्वरूप खाली बर्थों के प्रबंधन के लिए प्रतीक्षा सूची वाले टिकट जारी किए जाते हैं. वैष्णव ने कहा, "वेटिंग लिस्ट वाले टिकट यात्रियों के पास अपग्रेडेशन योजना के तहत अपग्रेड होने और वैकल्पिक ट्रेन में स्थानांतरित होने का विकल्प भी है."
रेल मंत्री ने आगे स्पष्ट किया कि टिकट कैंसिलेशन से उत्पन्न राजस्व को अलग से ट्रैक नहीं किया जाता है. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के पास कैंसिलेशन फीस से जनरेट हुए रेवेन्यू का डेटा है तो वैष्णव ने कहा, "टिकट रद्द करने के कारण जमा की गई राशि को अलग से नहीं रखा जाता है."