मुंबई: महाराष्ट्र कैडर 2022 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सर्टिफिकेट जमा किए थे. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
यह दावा उस समय सामने आया जब मंगलवार को प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल कर रही थीं. उनको पावर के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया.
अधिकारी ने बताया कि पूजा ओबीसी और दृष्टिबाधित कैटेगरी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं और उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया. अधिकारी ने बताया कि अप्रैल 2022 में उन्हें अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के वेरिफिकेशन के लिए दिल्ली में ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (AIIMS), में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया.
राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं पूजा के पिता
अधिकारी ने कहा कि उनके पिता दिलीप खेडकर राज्य सरकार के पूर्व अधिकारी हैं. उन्होंने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति का मूल्य 40 करोड़ रुपये घोषित किया था. हालांकि, पूजा खेडकर ओबीसी श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं, जहां क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र की सीमा 8 लाख रुपये की वार्षिक पैतृक आय है.
कौन हैं पूजा खेडकर?
पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 841वीं ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) हासिल की है. हाल ही में पूजा खेडकर ने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करके विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने ऐसी सुविधाओं की भी डिमांड की थी जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलती हैं.
पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर ने 3 जून को ट्रेनी के रूप में ड्यूटी ज्वाइन करने से पहले ही अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी देने की मांग की थी. हालांकि, उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया. खेडकर के पिता एक रिटायर प्रशासनिक अधिकारी हैं. उन्होंने कथित तौर पर जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव डाला कि वे सुनिश्चित करें कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी की मांगें पूरी हों.
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