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एक टिकट से 56 दिन होगा सफर, समय और पैसे की भी बचत, जानें कैसे - Indian Railway

Railway Circular Ticket: आमतौर पर तीर्थयात्रा या दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर जाने वाले यात्री सर्कुलर टिकट से यात्रा करते हैं. हालांकि, सर्कुलर यात्रा के लिए टिकट सीधे टिकट काउंटर से नहीं खरीदे जा सकते.

क्या है सर्कुलर टिकट
क्या है सर्कुलर टिकट (Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2024, 3:18 PM IST

नई दिल्ली:भारत में रोजाना करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. इन यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे हजारों ट्रेनें चलाती है. रेलवे को भारत की लाइफ लाइन भी कहा जाता है. इतना ही नहीं भारतीय रेलवे ट्रैवलिंग का एक किफायती साधन भी है. आम तौर पर रेलवे ट्रेन के टिकट पर दो स्टेशनों या डिस्टिनेशन के बीच यात्रा की अनुमति देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप सिर्फ एक टिकट से आठ अलग-अलग स्टेशनों पर, अलग-अलग ट्रेनों में यात्रा कर सकते हैं?

जी हां, यह बिल्कुल सच है. देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जो इसके बारे में नहीं जानते. दरअसल, रेलवे सर्कुलर जर्नी टिकट नाम की एक विशेष टिकट जारी करता है. यह टिकट कई स्टेशनों को कवर करता है और इसके जरिए यात्री अलग-अलग स्टेशनों से विभिन्न ट्रेन से सफर कर सकते हैं.

क्यों कहते हैं सर्कुलर टिकट?
आमतौर पर तीर्थयात्रा या दर्शनीय स्थलों की यात्रा पर जाने वाले यात्री इस सेवा का उपयोग करते हैं. यात्री किसी भी कैटेगरी में यात्रा करने के लिए सर्कुलर टिकट खरीद सकते हैं. हालांकि, सर्कुलर यात्रा के लिए टिकट सीधे टिकट काउंटर से नहीं खरीदे जा सकते. इसके लिए आपको एक आवेदन जमा करना होगा और रेलवे कर्मियों को अपनी यात्रा के मार्ग के बारे में बताना होगा. गौरतलब है कि इस टिकट को खरीदने वाले यात्रियों की यात्रा जिस स्टेशन से शुरू होती है, वहीं खत्म होती है, इसलिए इसे सर्कुलर टिकट कहते हैं.

सर्कुलर टिकट के फायदे
अगर आप लंबी यात्रा कर रहे हैं तो आपको कई स्टेशनों से टिकट खरीदने की जरूरत नहीं है. आप अपने टाइमटेबल के अनुसार सर्कुलर जर्नी टिकट खरीदकर खुद को दोबारा टिकट खरीदने के सिरदर्द से बचा सकते हैं. इसके अलावा, आपका कीमती समय भी बर्बाद नहीं होगा. अगर आप अलग-अलग स्टॉप पर टिकट खरीदते हैं तो उनकी कीमत बढ़ जाती है. सर्कुलर जर्नी के लिए टिकट टेलीस्कोपिक रेट के अधीन हैं, जो स्टैंडर्ड पॉइंट-टू-पॉइंट दरों की तुलना में काफी कम महंगे हैं.

56 दिनों के लिए वैध रहता है टिकट
उदाहरण के लिए अगर आप उत्तर रेलवे से नई दिल्ली से कन्याकुमारी तक सर्कुलर यात्रा टिकट ले सकते हैं, तो आपकी यात्रा नई दिल्ली से शुरू होकर नई दिल्ली पर ही खत्म होगी।. आप मथुरा से मुंबई सेंट्रल - मर्मागोआ - बैंगलोर सिटी - मैसूर - बैंगलोर सिटी - उदगमंडलम - तिरुवनंतपुरम सेंट्रल होते हुए कन्याकुमारी पहुंचेंगे और इसी रूट से नई दिल्ली वापस आएंगे. इस दौरान 7550 किलोमीटर की इस यात्रा के लिए बनाया गया सर्कुलर टिकट 56 दिनों के लिए वैध रहता है.

कैसे बुक करेंगे सर्कुलर टिकट?
यात्रा की योजना बनाने के बाद, आप उस डिवीजन के डिवीजनल कमर्शियल मैनेजर या कुछ प्रमुख स्टेशनों के स्टेशन मैनेजर से संपर्क कर सकते हैं, जहां से आप यात्रा शुरू करने वाले हैं.इसके बाद डिवीजनल मैनेजर या स्टेशन अधिकारी आपके यात्रा कार्यक्रम के आधार पर टिकट की कीमत की गणना करेंगे. अब वह एक फॉर्म के माध्यम से स्टेशन मैनेजर को आपके टिकट की कीमत के बारे में सूचित करेंगे.

आप जिस स्टेशन से अपनी यात्रा शुरू करने वाले हैं, उसके बुकिंग ऑफिस में फॉर्म प्रस्तुत करके सर्कुलर यात्रा टिकट खरीद सकते हैं. सर्कुलर यात्रा टिकट खरीदने के बाद आपकी यात्रा के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए आरक्षण कार्यालय से संपर्क करना होगा. फिर आपको यात्रा के लिए आरक्षित टिकट जारी किए जाएंगे.

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