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वायनाड उपचुनाव: निर्वाचन क्षेत्र बनने के बाद से अब तक का सबसे कम मतदान हुआ, जानें कारण - WAYANAD BYELECTION

वायनाड में उपचुनाव में 64.72 प्रतिशत मतदान हुआ. 2009 में इस निर्वाचन क्षेत्र की स्थापना के बाद से यह सबसे कम मतदान प्रतिशत है.

प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 14, 2024, 4:13 PM IST

तिरुवनंतपुरम:केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में बुधवार को हुए उपचुनाव में 64.72 प्रतिशत मतदान हुआ. 2009 में इस निर्वाचन क्षेत्र की स्थापना के बाद से यह सबसे कम मतदान प्रतिशत है. वायनाड लोकसभा क्षेत्र के गठन के बाद 2009 में पहला आम चुनाव हुआ था, जिसमें 74.14 फीसदी मतदान हुआ था. इसके बाद 2014 में 73.25 प्रतिशत मतदान हुआ था.

इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनाव में यहां 72.92 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2019 में जब राहुल गांधी ने पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा था, तब यह 80.33 प्रतिशत था. हालांकि, जब 2024 में मतदान घटकर 73.57 प्रतिशत रह गया था.2019 के चुनाव की तुलना में मतदान में 7 प्रतिशत की कमी आई.

यह उपचुनाव विपक्षी नेता राहुल गांधी के सीट खाली करने के बाद हुआ. फिलहाल वह उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से सांसद हैं. उपचुनाव में प्रियंका गांधी ने यूडीएफ उम्मीदवार के रूप में इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ा. प्रियंका को संसद पहुंचाने के लिए यूडीएफ के वरिष्ठ नेताओं और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने वायनाड में अभियान का नेतृत्व किया, लेकिन इसका कोई असर मतदान प्रतिशत में देखने को नहीं मिला.

आम चुनाव की तुलना में 8.85 प्रतिशत कम मतदान
कांग्रेस महासचिव प्रियंका के चुनाव लड़ने के बावजूद वायनाड उपचुनाव में मतदान में भारी गिरावट देखी गई और महज 64.72 प्रतिशत ही मतदान हुआ. पिछले आम चुनाव की तुलना में इस बार 8.85 प्रतिशत की कमी आई है. पिछले आम चुनाव में 14,64,472 वोटों में से 10,74,623 वोट बूथ तक पहुंचे थे, जबकि इस बार कुल 14,71,742 वोटों में से केवल 9,52,543 वोट ही पोल तक गए.

क्यों कम हुआ वोट प्रतिशत?
मतदान में कमी के पीछे कई कारण हैं. इनमें मतदाताओं पर थोपे गए चुनाव की धारणा के प्रति अनिच्छा, यह विश्वास कि यूडीएफ जीत जाएगा भले ही वे मतदान न करें और प्रवासी मतदाताओं का मतदान में कम करना शामिल है.

चुनाव मतदान कम होना. 'बोरियत की राजनीति से घृणा' को दर्शाता है. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान, जब राहुल गांधी ने वायनाड से चुनाव लड़ा था, तो विदेशों से आए लोगों सहित कई मतदाता आए और मतदान किया, लेकिन इस बार वायनाड के अधिकांश वोटर्स जो खाड़ी देशों और अन्य राज्यों और विदेश में हैं, मतदान करने नहीं आए, जिसके कारण मतदान में कमी आई.

दिग्गजों ने किया चुनाव प्रचार
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, विपक्षी नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने प्रियंका के लिए प्रचार अभियान का नेतृत्व किया था. इसके अलावा प्रियंका की मां सोनिया गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी भी नामांकन दाखिल करते समय मौजूद थे, लेकिन ये वोटर्स को ज्यादा आकर्षित नहीं कर सकी.

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