बस्तर में लोकतंत्र की जीत, शाम पांच बजे तक 63.41 फीसदी मतदान, चित्रकोट में हुई बंपर वोटिंग - Lok sabha chunav
बस्तर लोकसभा सीट पर शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हो गया. शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग ने 63.41 फीसदी वोटिंग दर्ज की. बस्तर में जिस तरह से मतदान को लेकर उत्साह देखा गया वो चुनाव आयोग के हौसले को बढ़ाने वाला है.
बस्तर: बस्तर में लोकतंत्र की ताकत ने एक बार फिर नक्सलियों की धमकी को बेअसर कर दिया. पूरे बस्तर लोकसभा सीट पर जनता ने बढचढ़कर मतदान किया. शाम पांच बजे तक बस्तर लोकसभा सीट पर 63.41 फीसदी वोटिंग हुई. बस्तर लोकसभा सीट में कुल आठ विधानसभा सीटें आती हैं. बस्तर विधानसभा सीट पर शाम पांच बजे 72.81 फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड की गई. बीजापुर में 41.62 फीसदी मतदान हुआ. चित्रकोट में 73.49 फीसदी वोटिंग हुई. दंतेवाड़ा में 67.02 फीसदी वोटिंग हुई. कोंडागांव में 72.01 प्रतिशत मतदान हुआ. कोंटा में 51.19 फीसदी वोटिंग हुई और नारायणपुर में 62.28 प्रतिशत वोटिंग हुई.
बस्तर में लोकतंत्र की जीत
बस्तर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है. यहां बीजेपी की तरफ से महेश कश्यप उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस की तरफ से कवासी लखमा मैदान मे हैं. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश कुमार गोटा इस सीट से सबका ध्यान खींच रहे हैं.
बस्तर के चुनावी आंकड़ों पर नजर
"बस्तर में सबसे बड़ा मुद्दा नक्सलवाद है. यहां की जनता को ऐसी सरकार चाहिए जो बस्तर का विकास कर सके. यहां की जनता नक्सलियों और सरकार के बीच पिस रही है. बस्तर से नक्सलवाद का सफाया होना चाहिए. अभी हाल में कांकेर की घटना का असर भी इस चुनाव पर पड़ा है." : राजकुमार दुबे, राजनीतिक जानकार
बस्तर सीट पर मतदाताओं की संख्या: बस्तर सीट पर मतदाताओं की बात करें तो यहां कुल 14,72,207 मतदाता हैं. जिनमें 7,71,679 महिलाएं, 7,00,476 पुरुष और 52 ट्रांसजेंडर वोटर्स हैं. इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. बस्तर सीट पर कुल 1,961 मतदान केंद्र बनाए गए. जिनमें से 61 अति संवेदनशील और 196 संवेदनशील है.
बस्तर सीट पर कैसे हुई वोटिंग: बस्तर लोकसभा सीट के कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोटिंग हुई. जबकि जगदलपुर विधानसभा के 72 बूथों पर दोपहर तीन बजे मतदान की प्रक्रिया समाप्त हुई. जबकि बस्तर विधानसभा और जगदलपुर के 175 बूथों पर सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक वोटिंग हुई.
किसने कहां किया मतदान:सबसे पहले बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कवासी लखमा ने सुकमा के नगरस में वोटिंग की. बस्तर के कलचा में बीजेपी के उम्मीदवार महेश कश्यप ने मताधिकार का प्रयोग किया. जगदलपुर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और वन मंत्री केदार कश्यप ने वोट डाला. बस्तर आईजी सुंदरराज पी और बस्तर के राजस्व आयुक्त श्याम धावड़े ने बस्तर के हाटकाचोरा मतदान केंद्र में वोट डाला.
"बैलेट बनाम बुलेट की इस जंग में अंततः बैलेट ही सफल होगा. लोकतंत्र में बैलेट ही सार्थक और सशक्त बनकर उभरेगा": सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर
102 गांव में पहली बार गांव के अंदर बने बूथ: बस्तर लोकसभा सीट पर 102 गांव में पहली बार मतदान केंद्र बनाए गए. इसमें सबसे खास बात यह रही कि यहां ग्रामीणों ने पहली बार अपने गांव के बूथ में मतदान किया. चांदामेटा में नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार की अपील को धत्ता बताते हुए गांववालों ने वोटिंग की. दंतेवाड़ा के ग्राम मेधापाल, गांव चिकपाल और गांव टेटम, नारायणपुर में ग्राम बागबेडा, ग्राम नेतानार इसके अलावा सुकमा के गांव चिपुरपाल में लोगों ने अपने गांव के मतदान केंद्र में वोटिंग की.
बस्तर लोकसभा सीट पर वोटिंग के रंग: बस्तर लोकसभा सीट पर वोटिंग के रंग भी देखने को मिले. यहां के नारायणपुर में नवविवाहित जोड़े देवेश ठाकुर और गंगोत्री ठाकुर ने शादी के दिन गुरिया बूथ पर मतदान किया. जबकि कोंडागांव में गिरोला जड़ीपारा मतदान केन्द्र में दुल्हन दीपिका दीवान ने मतदान किया. शादी के दिन दुल्हा दुल्हन ने सबसे पहले मतदान कर एक सच्चे भारतीय होने का परिचय दिया.
चर्चा में रहा दंतेवाड़ा का मतदान केंद्र: दंतेवाड़ा जिले के बालूद मतदान केंद्र पर पर्यावरण संरक्षण की थीम रखी गई, जहां अधिकारियों ने पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मतदाताओं को पौधे दिए. इसके अलावा जिले में संगवारी मतदान केंद्र बनाए गए थे. मतदान केंद्र पर मतदाताओं की सुविधा का भी ख्याल रखा गया था.
बस्तर में रहे सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम: बस्तर लोकसभा चुनाव को लेकर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे. यहां कुल 60 हजार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था. जिसमें राज्य और अर्धसैनिक बल शामिल थे.
बीजापुर में एक जवान शहीद, एक घायल: बस्तर में चुनाव के दौरान एक जवान शहीद हो गया जबकि एक जवान घायल हो गया. बस्तर के बीजापुर में गलगम गांव में एक अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर का शेल फटने से एक जवान शहीद हो गया. जवान का नाम देवेंद्र कुमार है. वह सीआरपीएफ की 196वीं बटालियन में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे. देवेंद्र कुमार विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें हवाई मार्ग से जगदलपुर ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान वह शहीद हो गए. दूसरे एक अन्य घटना में बीजापुर जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में विस्फोट होने से सीआरपीएफ के एक सहायक कमांडेंट घायल हो गए. यह घटना भैरमगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के तहत चिहका मतदान केंद्र के पास हुई जब सुरक्षा कर्मियों की एक टीम मतदान के मद्देनजर इलाके में एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन पर निकली थी. सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट मनु एचसी प्रेशर आईईडी के संपर्क में आ गए, जिससे विस्फोट हो गया जिससे उनके बाएं पैर और हाथ में चोटें आईं.
शहीद जवान को मिलेगा 30 लाख का मुआवजा:बस्तर में चुनाव ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सीआरपीएफ जवान देवेंद्र कमार के परिजनों को 30 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. ये मुआवजा छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकर नियमानुसार 30 लाख की राशि सौंपी जाएगी. वहीं राज्य निर्वाचन ड्यूटी के दौरान घायल हुए सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट मनु एचसी को 15 लाख की राहत राशि देगा. बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मतदान केंद्र गलगम में आउटर कार्डन ड्यूटी में तैनात सीआरपीएफ के डी/196 कंपनी के आरक्षक देवेन्द्र कुमार एरिया डोमिनेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे. प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से रायपुर लाते समय उनका निधन हो गया. वहीं बीजापुर में सीआरपीएफ के 62वीं बटालियन की ई कम्पनी मतदान के मद्देनजर एरिया डोमिनेशन पर निकली थी. एरिया डोमिनेशन के दौरान थाना भैरमगढ़ क्षेत्रांतर्गत चिहका क्षेत्र में आईईडी ब्लास्ट हो गया. प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट मनु एचसी घायल हो गए. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एम्बुलेंस से रायपुर लाया गया. जहां उनका इलाज जारी है.
संवेदनशील मतदान केंद्रों से सकुशल लौटी मतदान दल की टीम:दंतेवाड़ा के संवेदनशील मतदान केंद्र नीलावाया, पोटाली और बुरगुम से भी मतदान दल वोटिंग के बाद सकुलश लौट आए हैं. मतदान दल ने लौटने के बाद अपने साथ लाए ईवीएम मशीन को चुनाव आयोग के बनाए गए स्ट्रांग रुम में जमा करा दिया. मतदान दल के पीठासीन अधिकारी ने कहा कि वहां पर जाकर चुनाव कराना अपने आप में एक बड़ा अनुभव था.
2019 में कैसा रहा चुनाव:साल 2019 में बस्तर लोकसभा सीट पर कुल वोटिंग 66.04 फीसदी रही. बीते चुनाव में कांग्रेस के दीपक बैज ने इस सीट से जीत दर्ज की थी.बस्तर में मुख्य लड़ाई कांग्रेस के फायरब्रांड नेता कवासी लखमा और भाजपा के नए चेहरे महेश कश्यप के बीच है, जिसे भगवा पार्टी 2019 में हार गई थी. 2019 के चुनाव में बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान 66.04 प्रतिशत रहा.
बस्तर के चुनाव पर क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार: बस्तर के चुनाव और वोटिंग पर वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने विश्लेषण किया है. उन्होंने कहा कि 63 फीसदी मतदान की बातें सामने आई है. लेकिन यह आंकड़ा अंतिम नहीं है. बस्तर में हुए लोकसभा चुनाव में लगातार मतदान का प्रतिशत बढ़ता रहा है, इस बार भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बात कही जा रही है. ऐसे में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के कई कारण हो सकते हैं.
"मतदान प्रतिशत बढ़ने का यह मतलब नहीं है कि उसका फायदा विपक्ष को मिले. क्योंकि पूर्व के ज्यादातर परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे हैं. यदि 2019 लोकसभा चुनाव छोड़ दिया जाए तो लगातार बस्तर में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के बावजूद भाजपा ही जीतती आई थी. यही वजह है कि बार चुनाव परिणाम क्या होगा, इसको लेकर कुछ भी कह मुश्किल है": उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
वोट प्रतिशत बढ़ने से विपक्ष को होगा फायदा, यह कहना गलत: उचित शर्मा ने कहा कि "यदि पूर्व के लोकसभा चुनाव के परिणाम देखा जाए, तो 2004, 2009, 2014 में भी वोट परसेंटेज बढ़ा. लेकिन भाजपा को ही जीत मिली है. साल 2019 की बात की जाए तो इस बार भी वोट प्रतिशत 57 से लगभग 66 प्रतिशत पहुंच गया. लेकिन चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहा और कांग्रेस से दीपक बैज बस्तर लोकसभा सीट से जीत हासिल कर पाए. लेकिन इस बार यदि वोट परसेंटेज बढ़ा तो यह माना जाए कि विपक्ष को फायदा हुआ यह कहना गलत होगा"