संदेशखाली मामले पर बोले विहिप कार्यकारी अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल में लगाया जाए राष्ट्रपति शासन - विहिप कार्यकारी अध्यक्ष
Vishwa Hindu Parishad, West Bengal Sandeshkhali Case, विश्व हिंदू परिषद ने भी पश्चिम बंगाल में घटी संदेशखाली की घटना का विरोध किया है. इसके खिलाफ विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी सड़क पर भी विरोध में उतर रही है. इस मुद्दे पर विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना से बात करते हुए कहा कि विहिप ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ये आरोप लगा रही हैं कि वहां की कानून व्यवस्था खराब की जा रही है. मगर वास्तविकता यह है कि वहां कानून व्यवस्था ही कहां थी. जिला परिषद का एक नेता था, शेखजहां जिस पर ईडी ने छापा मारा तो उसने ईडी के अधिकारियों को ही पीटा और जब ईडी ने मामले को खंगाला तो वहां की व्यवस्था बहुत ही खराब निकल कर सामने आई.
उन्होंने कहा कि इसके बाद जो महिलाओं ने खुलासा किया, वो भी काफी खौफनाक था. उन्होंने आरोप लगाया कि गुंडागर्दी के नाम पर वहां की महिलाओं को और उनके परिवारों को डरा धमकाकर बुलाया करता था और कई दिनों तक उन्हें वहीं रखा जाता था. ये कैसा लोकतंत्र. उन्होंने कहा कि क्या वहां की मुख्यमंत्री को ये सब नहीं दिख रहा था.
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि महिला आयोग ने जांच की तो उन्हें 18 शिकायतें इस व्यक्ति के खिलाफ मिलीं हैं और दो बलात्कार की भी हैं. ऐसी अनगिनत घटनाएं हैं, मगर डर के मारे महिलाओं ने कुछ बताया भी नहीं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का कानून का शासन कहां है. उल्टे उसे टीएमसी संरक्षण दे रही है.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा कि संदेशखाली मणिपुर नहीं, इस पर जवाब देते हुए आलोक कुमार ने कहा कि कोर्ट ने लोअर कोर्ट जाने कहा और सरकार को भी निर्देश दिए की इस पर करवाई करे और महिलाओं के उत्पीड़न की शिकायतें सुनी जाएं.
भाजपा की मांग पर सहमति जताए हुए, विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि जिस तरह की घटनाएं बंगाल में हुईं हैं, पहले भी चुनाव से पहले उसे देखते हुए लगता है कि वहां राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई विकल्प नहीं है. महिला आयोग ने भी यही कहा है.