देहरादून (नवीन उनियाल):साल 2024 बीतने में अब बस कुछ ही दिन शेष हैं. ऐसे में पीछे पलट कर देखें तो इस साल राज्य में कुछ प्रमुख विभाग काफी सुर्खियों में रहे. उत्तराखंड के वन विभाग ने भी काफी चर्चाएं बटोरी. वन महकमे में सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों से लेकर केंद्रीय एजेंसियों का दखल भी रहा, जिसके बाद सरकार ने ताबड़तोड़ एक्शन के साथ कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी की. ना केवल छोटे कर्मी बल्कि ऑल इंडिया सर्विस के अफसरों को भी इसका खामियाजा झेलना पड़ा. नतीजतन कई अधिकारियों को अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से हाथ धोना पड़ा.
उत्तराखंड में वन विभाग उन चुनिंदा महकमों में शामिल है, जो तमाम घटनाओं और विवादों के चलते राज्य ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों में रहा है. साल 2024 उत्तराखंड वन महकमे के लिए ऐसे ही विवादों से भरा साल रहा. इस साल विभाग के कई बड़े अधिकारी निलंबित हुए और कई अधिकारियों को अपनी अहम जिम्मेदारियों से हाथ धोना पड़ा.
विवाद से हुई साल 2024 की शुरुआत:उत्तराखंड वन विभाग के लिए साल 2024 की शुरुआत ही बेहद खराब रही. जनवरी माह की 8 तारीख को एक ऐसी घटना हुई जिसने वन विभाग के साथ पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया. दरअसल, 8 जनवरी को राजाजी टाइगर रिजर्व के चीला क्षेत्र में एक इंटरसेप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से हड़कंप मच गया.
दरअसल, ये इलेक्ट्रिक वाहन वन विभाग में ट्रायल पर चल रहा था, जिसमें वन विभाग के कर्मचारी सवार थे. इस दुखद घटना में वाहन में सवार 6 लोगों की मौत हो गई. यह घटना उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देशभर में सुर्खियों में बनी रही. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए गए और एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ने इसकी जांच भी की. लेकिन अब तक ना तो जांच सार्वजनिक की गई और ना ही इसके आधार पर कोई कार्रवाई हुई है.
साल का फरवरी माह ED, CBI के रहा नाम:साल 2024 का दूसरा महीना वन विभाग में केंद्रीय जांच एजेंसियों के नाम रहा. फरवरी माह में अचानक एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) सक्रिय हो गया और IFS अफसरों के घरों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रकरण पर ईडी ने एंट्री मारी और IFS सुशांत पटनायक, राहुल समेत कई जगह छापेमारी शुरू कर दी. इस दौरान पटनायक के घर तो नोट गिनने की दो मशीनें जाती हुई भी रिकॉर्ड की गईं.
इसके अलावा CBI ने भी इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की और जांच का दायरा बढ़ाकर वन मुख्यालय और सचिवालय तक भी पहुंच गया, जिसमें सचिवालय से भी कई जानकारियां मांगी गई.
देश में छाया रहा बिनसर वन्यजीव अभयारण्य का अग्निकांड:साल 2024 में जून माह की शुरुआत एक बड़ी दुर्घटना के साथ हुई. 13 जून को वनाग्नि की विभिन्न घटनाओं के बीच अल्मोड़ा के बिनसर के जंगल भी धधक उठे. इस दौरान आग बुझाने के लिए गए वन कर्मी भी इसमें झुलस गए. आग इतनी भयानक थी कि आग बुझाने गए वनकर्मियों के साथ जिस गाड़ी में ये कर्मी सवार थे वो भी जलकर राख हो गई. इसमें चार वनकर्मी तो मौके पर ही जान गंवा बैठे जबकि 2 की मौत दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान हो गई. इस तरह इस घटना में भी वन विभाग ने 6 कर्मियों को खो दिया.
घटना के बाद ये प्रकरण देशभर में छाया रहा. सुप्रीम कोर्ट में भी उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग का मामला पहुंचा. जिस पर सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने जवाब तलब भी किया. उधर बिनसर की घटना के बाद सरकार ने दो सीनियर आईएफएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया. इसमें तत्कालीन डिवीजन फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) ध्रुव सिंह मर्तोलिया और कंजरवेटर फॉरेस्ट (CF) कोको रोसे शामिल थे.
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उधर, कुमाऊं चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट पीके पात्रो को इस अहम जिम्मेदारी से हटाकर वन मुख्यालय अटैच किया गया. चौंकाने वाली बात यह रही कि कुछ ही समय बाद इन अफसरों का निलंबन वापस लेकर इन्हें अहम जिम्मेदारी दे दी गई और पीके पात्रो को भी बड़ी जिम्मेदारी मिल गई.