अहमदाबाद : अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के प्रमुख नियुक्त किये गए भारतीय-अमेरिकी काश पटेल गुजरात के आणंद जिले के भद्रन गांव से ताल्लुक रखते हैं, जहां से उनका परिवार सात-आठ दशक पहले युगांडा चला गया था. यह जानकारी उनके समुदाय के सदस्यों ने शुक्रवार को दी.
न्यूयॉर्क में जन्में पटेल (44) पाटीदार समुदाय से हैं. वह अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं. पाटीदार समुदाय के नेताओं ने कहा कि पटेल के सभी करीबी परिजन विदेश में बसे हुए हैं. अफ्रीका जाने के बाद उन्होंने भद्रन में अपने पैतृक मकान बेच दिए.
आणंद स्थित समुदाय का संगठन छगाम पाटीदार मंडल अपने सदस्यों की वंशावली रखता है. संगठन के सचिव और भाजपा की आणंद जिला इकाई के अध्यक्ष राजेश पटेल ने कहा, ‘‘वंशावली में काश पटेल के पिता प्रमोद पटेल और उनके भाइयों और दादा के नाम भी हैं.’’
राजेश पटेल ने बताया कि हालांकि काश पटेल का नाम वंशावली में जोड़ा जाना अभी बाकी है, लेकिन उनके परिवार की 18 पीढ़ियों का रिकॉर्ड इसमें है और इसे उनके कार्यालय में उनके समुदाय के सभी सदस्यों के साथ संग्रहीत किया गया है.
उन्होंने बताया, ‘‘हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, परिवार भद्रन गांव के मोती खड़की इलाके में रहता था और वे लगभग 70 से 80 साल पहले युगांडा चले गए थे.’’ राजेश पटेल ने बताया, ‘‘परिवार ने अपना पैतृक मकान और जमीन बेच दी है और उसके सभी रिश्तेदार विदेशों में, खासकर अमेरिका में बस गए हैं. जब काश के परिवार का कोई सदस्य भारत आएगा तो हम वंशावली में उसका नाम सहित अगली पीढ़ी के नाम दर्ज करने की अनुमति मांगेंगे.’’