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UPSC का बड़ा एक्शन, पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द, भविष्य में भी नहीं दे सकेंगी एग्जाम - Puja Khedkar

UPSC cancels Puja Khedkar candidature: UPSC ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी है. आयोग ने कहा कि उसने पूजा खेडकर को फर्जी पहचान बताकर परीक्षा नियमों में निर्धारित अनुमेय सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

पूजा खेडकर
पूजा खेडकर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 31, 2024, 4:51 PM IST

नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी है. साथ ही उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और सेलेक्शन से स्थायी रूप से भी वंचित कर दिया गया है. वह सिविल सेवा परीक्षा-2022 (CSE-2022) की प्रोविजनली रेकेमंड कैंडिडेट थीं. UPSC ने आरोप लगाया कि पूजा खेडकर ने न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी आवेदन में बदल दिया, यही वजह है कि सिस्टम इस गड़बड़ी का पता नहीं लगा सका.

आयोग ने कहा कि यूपीएससी एसओपी को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस तरह का मामला दोबारा न हो. इससे पहले यूपीएससी ने पहले खेडकर के खिलाफ कथित तौर पर फर्जी पहचान बताकर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए पुलिस में मामला दर्ज कराया था.

UPSC ने जारी किया था कारण बताओ नोटिस
एक प्रेस विज्ञप्ति में यूपीएससी ने बुधवार को बताया कि आयोग ने पूजा खेडकर को फर्जी पहचान बताकर परीक्षा नियमों में निर्धारित अनुमेय सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "उन्हें 25 जुलाई, 2024 तक कारण बताओं नोटिस का जवाब देना था. हालांकि, उन्होंने 04 अगस्त, 2024 तक का समय मांगा ताकि वह अपने जवाब के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटा सकें."

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भी दर्ज किया था केस
खेडकर पर कथित तौर पर 19 जुलाई को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने भी सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने के लिए विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने के लिए मामला दर्ज किया था.

बयान में कहा गया है कि यूपीएससी ने भी खेडकर के अनुरोध पर विचार किया था और न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, उन्हें 30 जुलाई, 2024 को दोपहर 3:30 बजे तक का समय दिया गया था ताकि वह नोटिस का जवाब दे सकें.

विज्ञप्ति में कहा गया है, "पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को यह भी स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि यह उनके लिए अंतिम मौका है और उन्हें आगे कोई समय विस्तार नहीं दिया जाएगा." आयोग ने कहा कि उन्हें समय विस्तार दिए जाने के बावजूद, वे निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने में विफल रहीं.

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