नई दिल्ली:मणिपुर में जातीय अशांति एक साल से अधिक समय से जारी है. राज्य के एक प्रभावशाली कुकी संगठन, कुकी इंपी (Kuki Inpi) मणिपुर ने कहा है कि विधायी शक्तियों के साथ केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण ही चल रहे जातीय संघर्ष का स्थायी समाधान पेश कर सकता है.
कुकी इंपी मणिपुर ने ये बयान तब दिया जब मणिपुर सरकार ने नवनिर्मित गेट में थांगजिंग के ऐतिहासिक नाम को थांगटिंग में बदलने के लिए कुकी नेशनल फ्रंट (केएनएफ) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
केएनएफ विद्रोही समूह हो जिसे भारत सरकार ने निलंबन घोषित कर रखा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए कुकी कुकी इंपी मणिपुर के सचिव (सूचना एवं प्रचार) जांगहोलुन हाओकिप ने कहा कि कुकी-जो (Kuki-Zo) लोगों को हिंसा, विस्थापन और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि 'कुकी-जो लोग गारंटीकृत संवैधानिक अधिकारों और प्रावधानों के अनुसार हमारे लोगों के लक्षित भेदभाव, और उत्पीड़न के खिलाफ लगातार और जमकर लड़ेंगे. कुकी इंपी न्याय मिलने तक आराम नहीं करेगी; कुकी-ज़ो लोगों के खिलाफ चल रहे जातीय उत्पीड़न की सच्चाई को स्वीकार किया गया है और कुकी-जो लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कार्रवाई की जाती है और भारत के समान नागरिक के रूप में उनके समुदाय के अस्तित्व को महत्व दिया जाता है और संरक्षित किया जाता है.'
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर कड़ा प्रहार करते हुए हाओकिप ने कहा कि 'संघर्षग्रस्त राज्य में हिंसा को रोकने के लिए, बीरेन सिंह को राज्य में मौजूदा स्थिति के बारे में लगातार फर्जी खबरें, अफवाहें या गलत सूचना फैलाने से बचना चाहिए.'