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बांधवगढ़ से 'तोहफे' में दिए जाते हैं बाघ, एमपी के कई टाइगर रिजर्व को कर रहे आबाद - BANDHAVGARH TIGER RESERVE

एमपी को टाइगर स्टेट कहा जाता है. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पाए जाते हैं.यहां से बाघ ट्रांसफर होते हैं.

BANDHAVGARH TIGER RESERVE
बांधवगढ़ से 'तोहफे' में दिए जाते हैं बाघ (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 6:42 PM IST

उमरिया (अखिलेश शुक्ला): उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जिसकी देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खास पहचान है. ये पहचान इसलिए बनी हुई है, क्योंकि यहां बाघों की बहार है, अगर आप बाघों के दीदार करने के शौकीन हैं, तो आपको यहां बड़ी आसानी से बाघ दर्शन हो जाते हैं. पूरे मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघों की संख्या बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ही पाई जाती है. तभी तो यहां से तोहफे में दिए गए बाघ प्रदेश के कई टाइगर रिजर्व को आज आबाद भी कर रहे हैं और अपनी दहाड़ से वहां के पर्यटकों को रोमांचित भी कर रहे हैं.

बांधवगढ़ में बाघों की बहार

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, ये एक ऐसी जगह है, जहां बाघों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है. इसीलिए यहां पर आए दिन बाघों के बीच आपसी संघर्ष की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं. इसके अलावा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्र में भी बाघों का दखल लगातार बढ़ता जा रहा है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व 1536 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है. यहां बाघों की संख्या भी अच्छी खासी है.

बांधवगढ़ से दूसरे टाइगर रिजर्व में बाघ ट्रांसफर (ETV Bharat)

बांधवगढ़ में बाघों की संख्या की बात करें तो 2022 की गणना के हिसाब से 165 बाघ आईडेंटिफाई किए गए थे. जिसमें से नर और मादा बाघ शामिल हैं. इसके अलावा करीब 7 से 8 बाघ फीमेल ऐसी चिन्हित की गई थीं, जिनके दो से तीन बच्चे अगर एवरेज भी लगा लेते हैं, तो मान सकते हैं कि इस समय बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगभग 200 के पार ही बाघ होंगे. हो सकता है की ये संख्या और भी ज्यादा जा सकती है.

'तोहफे' में यूं दे दिए जाते हैं बाघ

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा बताते हैं कि "जहां पर बाघ होंगे, वहीं से तो दूसरे टाइगर रिजर्व में जरूरत के हिसाब से बाघ दिए जाएंगे. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व इन दिनों प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघों के लिए पहचान रखता है. यहां प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में सबसे ज्यादा बाघ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में देखे जाते हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश में टाइगर रिजर्व में जहां बाघों की पापुलेशन बढ़ाने की आवश्यकता होती है. वहां बांधवगढ टाइगर रिजर्व से बाघ जरूरत के हिसाब से दे दिए जाते हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यहां से प्रदेश कई जगहों पर बाघ भेजे जा चुके हैं.

बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा बाघ (Getty Image)

उन्होंने कहा कि इससे उनकी संख्या तो संतुलित होती ही है. साथ ही बाघों का कुनबा भी बढ़ता है. बाघों का साम्राज्य भी बढ़ता है. उनमें आपसी संघर्ष भी नहीं होते हैं. जिससे संघर्ष की घटनाओं पर रोक लग जाती है. आपसी संघर्ष में बाघों की मौत भी नहीं होती है. जब दूसरे टाइगर रिजर्व में यही बाघ जाते हैं, तो वो ज्यादा खुला माहौल पाता है और अपनी टेरिटरी को आसानी से डेवलप करने में सफल भी होते हैं."

अब तक कितने बाघ हुए ट्रांसफर

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्माबताते हैं कि "पिछले 11 से 12 महीना का आंकड़ा देखें, तो बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से टोटल 6 बाघों को दूसरे टाइगर रिजर्व या जू में शिफ्ट किया गया है. जिससे बाघों की संख्या क्षेत्र में संतुलित बनी रहे.

कहां कितने भेजे गए बाघ (ETV Bharat)

इसके अलावा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से ट्रांसफर किये गए बाघों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2008 से फरवरी 2025 तक टोटल 27 बाघों को ट्रांसफर किया गया है. बता दें कि इन आंकड़ों में बाघ बाघिन दोनों शामिल हैं

2008 से 2025 तक कितने बाघ ट्रांसफर (ETV Bharat)

आपसी संघर्ष रोकने और संरक्षण में बड़ा कदम

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक पीके वर्मा बताते हैं कि बाघों के मामले में बांधवगढ़ मध्य प्रदेश में नंबर वन है, प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में सबसे ज्यादा बाघ बांधवगढ़ में ही पाए जाते हैं. यहां से जहां भी जरूरत होती है, वहां बाघ भेजे जाते हैं.

बांधवगढ़ से दूसरे टाइगर रिजर्व में बाघ ट्रांसफर (Getty Image)

गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अक्सर ही बाघों के बीच आपसी संघर्ष से बाघों की मौत की खबरें और घटनाएं सामने आती रही हैं. ऐसे में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का ये प्रयास बांधवगढ़ में बाघों की लगातार बढ़ती संख्या और उनके बीच संघर्ष को रोकने, बाघ संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम है. इससे बाघों के बीच में आपसी संघर्ष भी नहीं होगा, बाघों का संरक्षण भी होगा.

बाघों का कुनबा भी बढ़ेगा और बाघ को इतनी जगह भी मिलेगी, जहां वो अपने नए साम्राज्य को स्थापित कर सकेगा, क्योंकि एक नर बाघ अपनी टेरिटरी में दूसरे नर बाघ को बिल्कुल पसंद नहीं करता है. फिर वहीं से उनके बीच में जंग की शुरुआत हो जाती है. ऐसे में जब किसी बाघ को जंगल में ज्यादा जगह मिलेगी तो वो अपना नया साम्राज्य स्थापित करके अपने परिवार को बढ़ाएगा. जिससे बाघों का संरक्षण भी होगा और बाघ सुरक्षित भी होंगे.

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