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त्रिपुरा में सियासी हलचल: वादे पूरे न होने पर सत्ता छोड़ने को तैयार टिपरा मोथा - PRADYOT KISHORE SEEKS RIGHTS

प्रद्योत किशोर ने कहा, "मैं अपने टिपरासा योद्धाओं को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि राजनीति महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि हमारे लोगों के अधिकार सर्वोपरि हैं.

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टिपरा मोथा के सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की फाइल फोटो. (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 6, 2025, 11:38 AM IST

अगरतला:त्रिपुरा में सियासी गर्मी बढ़ने वाली है. जानकारी के मुताबिक यहां की टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि पार्टी से किए गए वादे पूरे नहीं होते हैं तो उनकी पार्टी राज्य में सत्ता से बाहर होने के लिए तैयार है.

बता दें, टीएमपी ने 2023 का त्रिपुरा विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा था और 13 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था. इसके बाद, पिछले साल लोकसभा चुनावों से ठीक पहले पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल हो गई थी.

बुधवार को पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए देबबर्मा ने कहा, "हमने सुरक्षा, भूमि, शिक्षा, पहचान, त्रिपुरा स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) को प्रत्यक्ष वित्त पोषण और संस्कृति के अधिकार मांगे हैं, जो स्पष्ट रूप से देश के खिलाफ नहीं हैं. ऐसा लगता है कि कुछ लोग हमें धोखा दे रहे हैं."

उन्होंने आगे कहा, "अगर हमें वादे के मुताबिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं, तो हम सत्ता से बाहर रहने के लिए तैयार हैं. अगर हम अपने लोगों की मदद नहीं कर सकते तो सत्ता में रहने का कोई मतलब नहीं है. हमारे लिए राजनीति महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि लोगों के लिए सही मायने रखता है."

देबबर्मा ने पार्टी विधायकों और जिला परिषद (एमडीसी) के सदस्यों से सही समय पर सही निर्णय लेने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहने का आह्वान किया. उन्होंने आदिवासी परिषद क्षेत्रों में ग्राम समितियों के चुनाव कराने में "देरी" पर भी अपनी निराशा व्यक्त की.

टीएमपी सुप्रीमो ने जोर देकर कहा कि वे अपने लोगों को धोखा नहीं दे सकते. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों के बीच बांग्लादेश पाकिस्तान के करीब जा रहा है.

देबबर्मा ने कहा, "यहां (त्रिपुरा) हम स्वदेशी लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करने में विफल हो रहे हैं. अगर उग्रवाद फिर से शुरू होता है, तो कौन जिम्मेदार होगा? यदि आप शांतिपूर्ण तरीके से कुछ चाहते हैं तो देरी होगी, लेकिन जब हिंसक गतिविधियां होती हैं, तो सरकार तुरंत प्रतिक्रिया देती है.

उन्होंने सरकार से टिपरासा (त्रिपुरा के आदिवासी समुदाय) के लोगों की मांगों का समाधान लाने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी पार्टी पिछले एक साल से इसका इंतजार कर रही है.

देबबर्मा ने स्पष्ट लहजे में कहा, “मैं सरकार से समाधान लाने की अपील करता हूं. हम बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. अब और इंतजार नहीं कर सकते. अपना मन बनाइए और हमें बताइए कि क्या आप हमारी मदद कर सकते हैं या हमें तय करने दीजिए कि हमें क्या करना है."

उन्होंने आगे कहा, "हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बहुत सम्मान करते हैं. हमने एक साल तक इंतजार किया और बच्चों और लोगों का भविष्य अधर में लटका हुआ है."

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