प्रतापगढ़ : जिले के पारसोला थाना इलाके के मूंगाणा में दो दिन पहले गुम हुए दंपती समेत 3 शवों को पुलिस ने सोमवार सुबह गांव से पांच किलोमीटर दूरी पर एक एनीकट से बरामद किया है. इस मामले में मृतक के दो पुत्र और एक पुत्रवधु को डिटेन किया गया है. पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करवाया है. इसमें सामने आया कि लछीदेवी 6 माह की गर्भवती थी. पुलिस डिटेन किए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस अधीक्षक लक्ष्मणदास ने बताया कि मूंगाणा के केसरफला टांडा मोहल्ले में सूरजमल (50) लबाना, उसकी दूसरी पत्नी लछीदेवी (47) और 3 वर्षीय मासूम बेटी शनिवार रात से घर से लापता थे. इस संबंध में पुलिस को रविवार को मुखबिर से सूचना मिली कि तीनों की हत्या की गई है. इस पर पुलिस के आला अधिकारी एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड की टीम भी गांव पहुंचे. तकनीकी आधार पर पुलिस ने रविवार देर रात को सूरजमल की पहली पत्नी से पुत्र कांतिलाल, कनिराम और पुत्रवधु को डिटेन किया.
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तीनों ने पुलिस को बताया कि सूरजमल ने तीन वर्ष पहले एक विधवा से विवाह किया था. इससे समाज और परिवार के लोग नाराज थे. इस कारण उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर तीनों की हत्या की. इसके बाद शवों को बोरे में भरकर करीब 2 किलोमीटर दूर पांचली नाका एनीकट में फेंक दिए. इस पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने सोमवार सुबह तलाश की. मामले को देखते हुए बांसवाड़ा आईजी एस परिमला भी मौके पर पहुंची. यहां तलाश करने पर एनीकट में तीनों की लाश मिली. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया और दंपती के परिजनों को सूचना दी, लेकिन कोई नहीं पहुंचा. इस पर पुलिस ने तीनों के पोस्टमार्टम कराए और ग्राम पंचायत के सहयोग से अंतिम संस्कार कराया गया. इसमें सामने आया कि लछीदेवी 6 माह की गर्भवती थी.
स्वजातीय विवाह से नाराज था समाज : पुलिस उप अधीक्षक नानालाल ने बताया कि सूरजमल लबाना की पत्नी का निधन 10 वर्ष पूर्व हो गया था. उसके तीन पुत्र कांतिलाल, कनीराम और डायालाल थे. सूरजमल ने तीन वर्ष पहले स्वजातीय विधवा महिला लछीदेवी से विवाह किया था. इसे लेकर तीनों पुत्र, परिजन और समाज नाराज था. समाज की ओर से सूरजमल लबाना को जाति से बहिष्कृत भी कर रखा था और आर्थिक दंड भी लगाया था. इस पर दंपती ने पुलिस और न्यायालय में भी गुहार लगाई थी.