कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कुणाल घोष पर पार्टी से अलग विचार व्यक्त करने के आरोप में कार्रवाई की और उन्हें राज्य संगठन के महासचिव पद से हटा दिया है. टीएमसी ने कहा कि हाल ही में कुणाल घोष ऐसे विचार व्यक्त कर रहे हैं जो पार्टी के विचारों से मेल नहीं खाते.
पार्टी ने कहा कि यह साफ करना महत्वपूर्ण है कि ये उनकी निजी राय हैं और इनके लिए पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय से जारी बयानों को ही पार्टी की आधिकारिक स्थिति माना जाना चाहिए.
पार्टी के प्रवक्ता की भूमिका से मुक्त
टीएमसी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि घोष को पहले पार्टी प्रवक्ता की भूमिका से मुक्त कर दिया गया था. अब उन्हें प्रदेश संगठन महासचिव के पद से भी हटा दिया गया है. हम सभी मीडिया आउटलेट्स से आग्रह करते हैं कि उनके विचारों को पार्टी के विचारों के साथ न मिलाएं, क्योंकि ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट
बता दें कि हाल ही में कुणाल घोष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा था कि नेता अयोग्य, गुटबाज, स्वार्थी हैं. वह पूरे साल धोखा देंगे और दीदी, अभिषेक, पार्टी के प्रति कार्यकर्ताओं के जुनून के आधार पर चुनाव जीतेंगे. ऐसा बार-बार नहीं हो सकता.
ऐसी खबरें थी कि वह कोलकाता सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय से नाराज चल रहे थे. जानकारी के मुताबिक इस साल मार्च में उत्तरी कोलकाता के नेताओं की बैठक हुई थी. बैठक के लिए कुणाल का निमंत्रण नहीं मिला था, जिससे वह नाराज हो गए. इतना ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया बायो भी बदल दिया था.
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव का शेड्यूल
पार्टी ने उन पर यह कार्रवाई ऐसे समय में की, जब देश में लोकसभा चुनाव के लिए 5 चरणों की वोटिंग होना बाकी है. वहीं, पश्चिम बंगाल में भी अब तक दो चरणों का ही मतदान हुआ है. सूबे में इस बार लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में वोट डाले जाएंगे, जबकि चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे.