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अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद बनेंगे डिप्टी स्पीकर? टीएमसी प्रमुख ममता ने दिया प्रस्ताव! - LS Deputy Speaker

TMC Backs Ayodhya MP Awadhesh Prasad for Deputy Speaker Post: संसदीय परंपरा के अनुसार विपक्ष लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद पर दावा कर रहा है. सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के दावे को खारिज नहीं किया है. खबर है कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने डिप्टी स्पीकर पद के लिए अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद का नाम आगे बढ़ाया है.

TMC Backs Ayodhya MP Awadhesh Prasad for Deputy Speaker Post
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 30, 2024, 7:28 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद का पहला सत्र 24 जून को शुरू हुआ, जो 3 जुलाई तक चलेगा. लोकसभा स्पीकर के चुनाव में हार के बाद विपक्ष की नजर डिप्टी स्पीकर पद है. ओम बिरला के दूसरी बार स्पीकर बनने के बाद चर्चा थी कि भाजपा डिप्टी स्पीकर पद एनडीए के किसी सहयोगी दल को दे सकती है. हालांकि सत्ता पक्ष ने डिप्टी स्पीकर पद पर विपक्ष के दावे को खारिज नहीं किया है.

अब मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की है. टीएमसी सूत्रों ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान सीएम बनर्जी ने डिप्टी स्पीकर के लिए अयोध्या से समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद का नाम सुझाया है. अवधेश प्रसाद भाजपा के लल्लू सिंह को करीब 55,000 मतों से हराकर सांसद बने हैं.

इंडिया गठबंधन में अवधेश प्रसाद के नाम पर हो रहा विचार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस, सपा और कांग्रेस डिप्टी स्पीकर पद के लिए अवधेश प्रसाद को इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पेश करने पर विचार कर रहे हैं. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं, जल्द इस मुद्दे को अन्य सहयोगी दलों के समक्ष उठाया जा सकता है.

17वीं लोकसभा में नहीं था डिप्टी स्पीकर
संविधान के अनुच्छेद 93 में यह प्रावधान है कि लोकसभा अपने दो सदस्यों को स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के रूप में चुनेगी. हालांकि, 17वीं लोकसभा में कोई डिप्टी स्पीकर नहीं था, जो देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ था. हालांकि इस बार भाजपा के पास लोकसभा में अकेले दम पर बहुमत नहीं है. पीएम नरेंद्र मोदी एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष भी इस बार मजबूत स्थिति में है. यही वजह है कि विपक्ष संसदीय परंपरा के अनुसार डिप्टी स्पीकर पद पर दावा कर रहा है.

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