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बिश्वनाथ घाट से लेकर कमल तालाब तक, गर्मियों में ये हैं तेजपुर के शानदार पर्यटक स्थल - Assam Tourist Place

Tezpur Tourist Place: अगर आप पर्यटन के लिए असम जाते हैं तो आपको तेजपुर जरूर जाना चाहिए. यहां कई जगहें हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र मानी जाती हैं. इनमें कमल तालाब और बिश्वनाथ घाट शामिल हैं.

Tezpur
तेजपुर के पर्यटक स्थल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 21, 2024, 1:21 PM IST

तेजपुर: हर कोई प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक इमारतों और सांस्कृतिक संसाधनों से भरी जगहों की यात्रा करना चाहता है. यात्रा करना हमेशा एक आनंददायक अनुभव होता है और इससे अलग-अलग जगहों के इतिहास, संस्कृति, रीति-रिवाजों और लोककथाओं के बारे में जानकारी मिलती है.

अगर बात करें भारत की तो यह अनूठे पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, इसके विपरीत सात राज्यों वाला पूर्वोत्तर भारत कई पर्यटकों के लिए अछूता रहा है. हालांकि, कुछ साल से यह परिदृश्य बदल रहा है और लोग यहां पर्यटन के लिए आने लगे हैं.

पिछले कुल वर्षों में शिलांग, चेरापूंजी, मेघालय के मावलिननॉन्ग, तवानानाग और मेचुका अरुणाचल प्रदेश की टूरिस्ट डेसिटिनेशन बनकर उभरी हैं. वहीं, नागालैंड-मणिपुर सीमा साझा करने वाली दज़ुकोऊ घाटी में भी बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं.

पूर्वोत्तर का एंट्री गेट असम
पिछले कुछ साल में असम के पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला है. खासकर महामारी काल के बाद. यहां काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, मानस राष्ट्रीय उद्यान, डिब्रू सैखोवा अभ्यारण्य, सुरम्य दिमा हसाओ के वन्यजीव स्थलों के अलावा प्रतिष्ठित कामाख्या मंदिर, ऊपरी असम में स्थित अहोम साम्राज्य काल के ऐतिहासिक स्मारकों का अनुभव करने के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. इसके अलावा असम में कई और पर्यटक स्थल हैं, जो देशभर के लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. इनमें सोनितपुर और विश्वनाथ शामिल हैं.

तेजपुर में कहां घूमें?
अगर आप सोनितपुर जिले के मुख्यालय तेजपुर घूमने आते हैं, तो आप किन स्थानों पर जाएंगे? शायद आप अग्निगढ़ और चित्रलेखा पार्क देखने के बारे में सोचेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि ये दोनों जगहें पर्यटकों के लिए जानी जाती हैं. ये दोनों स्थान निश्चित रूप से तेजपुर शहर के आकर्षण हैं और पर्यटक आकर्षण माने जाते हैं. हालांकि, तेजपुर में और भी कई जगहें हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र मानी जाती हैं.

चित्रलेखा उद्यान या कोल पार्क
चित्रलेखा उद्यान तेजपुर शहर के मध्य में स्थित है, इस पार्क को 'कोल पार्क' के नाम से भी जाना जाता है. कोल पार्क का नाम उस ब्रिटिश अधिकारी के नाम पर रखा गया था जिसने इस पार्क का निर्माण कराया था. इस पार्क का निर्माण 1906 में असम के एक ब्रिटिश आयुक्त श्री कोल द्वारा किया गया था, और बाद में 1996 में तेजपुर के तत्कालीन आयुक्त एमजीवीके भानु द्वारा इसका पुनर्निर्माण किया गया था. बाद में पार्क का नाम बदलकर चित्रलेखा उद्यान कर दिया गया, जो पौराणिक चरित्र चित्रलेखा की याद दिलाता है. चित्रलेखा शोणितपुर के राजा बाणासुर की पुत्री उषा की पत्नी थी.

अग्निगढ़
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, अग्निगढ़ का निर्माण बाणासुर राजा ने किया था जो भगवान शिव का भक्त था. यहीं पर राजा बाण ने अपनी बेटी उषा को कैद कर लिया था, जिसे प्रद्युम्न और रुक्मवती के पुत्र और कृष्ण और रुक्मिणी के पोते अनिरुद्ध से प्यार हो गया था. पुराणों में राजा बाण द्वारा अनिरुद्ध के अपहरण और उसके बाद हरि (विष्णु) और हर (महादेव) के बीच युद्ध के बारे में कई कहानियां हैं. ये कहानियां अग्निगढ़ में चट्टान की मूर्तियों में परिलक्षित होती हैं. इन्हें देखने के लिए प्रतिदिन पर्यटक आते हैं.

बिष्णु राव पार्क
ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर असमिया कला और संस्कृति के एक प्रमुख व्यक्ति कलागुरु बिष्णुप्रसाद राभा की स्मृति में बना स्मृति पार्क शानदार पर्यटन स्थल है. इस पार्क का निर्माण वहां रखे गए पत्थरों पर कलागुरु के विशेष गीतों और उनकी किसान क्रांति की कहानी को उकेरकर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किया गया है.

दा-परबतिया गेट
अगर आप तेजपुर आते हैं और दा-परबतिया तोरण (द्वार) नहीं देखते तो आपकी यात्रा अधूरी रहेगी. तेजपुर का ऐतिहासिक दा-परबतिया तोरण, पर्यटन के क्षेत्र में विशेष भूमिका निभाता रहा है. तोरण फिलहाल पुरातत्व विभाग की निगरानी में है. यह दा-परबतिया द्वार या तोरण 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व की चट्टानी मूर्ति के लिए जाना जाता है.

पदुम पुखुरी/कमल तालाब
शहर के मध्य में पदुम पुखुरी नामक एक बड़ा तालाब है. तालाब खिले हुए कमल के फूलों से ढका हुआ है. 1962 में चीनी आक्रमण के दौरान, स्टेट बैंक ऑफ तेज़पुर की नकदी और पुराने टिकटों को तालाब में फेंक दिया गया था. भयानक चीनी आक्रमण के डर से नगरवासी अपनी संपत्ति छोड़कर तेजपुर शहर से भाग गए. यह तालाब शहर के मध्य में स्थित है और इसकी सटीक उत्पत्ति सदियों पुरानी मानी जाती है. शहर के व्यस्त जीवन के बीच इसे शांति का स्थान माना जाता है.

महाभैरव मंदिर
सोनितपुर में भैरवी मंदिर, प्रसिद्ध महाभैरव मंदिर जैसे पर्यटक आकर्षण हैं. यहां रोजाना कई पर्यटक आते हैं. महाभैरव मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है जो तेजपुर के राजा बाणासुर के पौराणिक शासनकाल के दौरान बनाया गया था, जिसने सोनितपुर की लड़ाई में कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न के खिलाफ लड़ने के लिए शिव से मदद मांगी थी.

बिश्वनाथ घाट
बिश्वनाथ चरियाली में कई पर्यटक स्थान हैं. यहां सोनितपुर में बिश्वनाथ घाट को गुप्तकाशी में देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव के रूप में चुना गया था. विश्वनाथ घाट अब असम में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने में विशेष भूमिका निभा रहा है. देश के पर्यटन विभाग ने हाल ही में बिश्वनाथ घाट को भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव के रूप में चुना.

इसके अलावा गुप्तकाशी विश्वनाथ घाट आज भी अहोम युग का गवाह है. गुप्तकाशी विश्वनाथ घाट में अहोम राजाओं के कई स्मारक आज भी जीवित है. ब्रिटिश शासन के दौरान गुप्तकाशी विश्वनाथ घाट पर जहाज के मलबे की स्थापना की गई थी.

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