तेलंगाना: भीषण गर्मी में एक हैंडपंप के सहारे पूरा गांव, 40 फीट गहरे कुएं में उतरकर ला रहे पानी - Water Crisis in India
Water Crisis in India : कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में भी ऐसे हालात हो रहे हैं. यहां के तमाम जिलों में आदिवासियों को पीने के पानी के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. लोग जान जोखिम मे डालकर 40 फीट गहरे कुंए में पीने के पानी के लिए उतर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...
पानी की किल्लत से जूझ रहा तेलंगाना, 40 फीट गहरे कुंए से लाना पड़ रहा पीने का पानी
आदिलाबाद : कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में भारी जल संकट देखने को मिल रहा है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों को 40 फीट गहरे कुंए से पीने का पानी लाना पड़ रहा है. बता दें, गर्मी की शुरुआत होते ही भारत के कई राज्यों में जल संकट की परेशानी दिखाई देने लगती है. पर्यावरण में हो रहे बदलाव के कारण अनियमित बारिश, जल का उचित प्रबंधन नहीं होना, जल श्रोतों का अतिक्रमण सहित कई अन्य कारणों से जल संकट लगातार गहराता जा रहा है.
हर बार गर्मी की शुरूआत होते ही तेलंगाना के कई इलाके में भी पानी की समस्या देखने को मिलती है. यहां के आदिलाबाद जिले के कोलम के आदिवासियों को भी पीने के पानी के लिए बड़ी मशक्कत से गुजरना पड़ रहा है. इलाके के लगभग सभी आदिवासी परिवार एक-दूसरे की मदद से खतरनाक तरीके से कुएं में उतरते हैं और पीने के लिए पानी लाते हैं.
बता दें, आदिलाबाद जिले के गट्टेपल्ली कोलानगुडा में 105 आदिवासी परिवार रहते हैं. गर्मी की शुरुआत होते ही यहां पेयजल की कमी शुरू हो गयी है. पूरे गांव के लिए एक ही हैंडपंप है. गर्मी के कारण जलस्तर नीचे जाने के चलते भूजल सूख गया है. जिससे हैंडपंप से पानी नहीं आ रहा. मिशन भागीरथ का पानी भी सप्ताह में एक बार आधे घंटे से ज्यादा नहीं आ रहा है. नतीजतन, इलाके के लोगों को गांव से 200 मीटर दूर एक जाने के बाद लगभग 40 फुट गहरे कुएं से पानी मिल रहा है.
हालांकि ग्रामीणों के लिए वहां से पानी लाना काफी जोखिम भरा भी है. गांव के लोग सीढ़ी की मदद से कुएं में उतरते हैं फिर पानी भरते है. जिसे वे पीने के काम मे लाते हैं. गांव के लोग लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें साफ पानी मुहैया करवाया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि कुएं का पानी पीने से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. सरकार से ग्रामीणों ने निवेदन किया है कि राज्य सरकार उनका का दर्द समझे और मिशन भागीरथ का पानी नियमित रुप से गांव में मुहैया कराए.