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सुप्रीम कोर्ट का गणपति विसर्जन पर बड़ा फैसला, NGT के आदेश पर लगाई रोक, जानें पूरा मामला - Supreme Court Stays NGT Order

By Sumit Saxena

Published : Sep 12, 2024, 3:35 PM IST

Ganpati Visarjan Pune: सुप्रीम कोर्ट ने गणेश भगवान की मूर्ति के विसर्जन में शामिल होने वाले समूहों में लोगों की संख्या 30 तक सीमित करने के एनजीटी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी.

Supreme Court stays NGT's decision-
सुप्रीम कोर्ट और गणेश विसर्जन की तस्वीर (IANS and AFP)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के उस निर्देश पर रोक लगा दी, जिसमें पुणे में भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन अनुष्ठान के दौरान 'ढोल-ताशा' समूह में लोगों की संख्या 30 तक सीमित करने को कहा गया था. 'ढोल-ताशा' समूह महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में पारंपरिक त्योहारों का अभिन्न अंग रहे हैं.

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच, जिसमें जस्टिस जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे, ने भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन में शामिल 'ढोल-ताशा' समूह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 30 तक सीमित करने के एनजीटी के निर्देश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई.

सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने लंच ब्रेक के बाद मामले की सुनवाई की. सीजेआई ने मुस्कुराते हुए कहा "उन्हें अपना ढोल-ताशा बजाने दें..."

मामले पर संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता अमित पई ने दलील दी कि एनजीटी के निर्देश से गणपति उत्सव के दौरान ढोल-ताशा बजाने वाले ट्रूप्स पर गंभीर असर पड़ेगा. वकील ने पूछा कि लोगों की संख्या कैसे सीमित की जाए. दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया और 30 अगस्त को पारित आदेश में एनजीटी के निर्देश पर रोक लगा दी.

वकील ने दलील दी कि निर्देश पारित किया गया था कि 'ढोल-ताशा' समूह में केवल 30 लोग हो सकते हैं और दोपहर के भोजन से पहले के सत्र में उन्होंने अदालत से मामले की तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किय. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि 'गणपति विसर्जन' आने वाला है. पीठ ने भोजनावकाश के बाद मामले की सुनवाई करने पर सहमति जताई.

एनजीटी ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गणपति विसर्जन के लिए संगीत समूह में लोगों की संख्या 30 तक सीमित कर दी थी. 'गणेश चतुर्थी' का त्योहार 7 सितंबर से शुरू हुआ और यह 10 से लेकर 11 दिनों तक मनाया जाता है.

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