नई दिल्ली:बुधवार (6 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने चार मेडिकल छात्रों की याचिका पर उत्तराखंड सरकार, मेडिकल कॉलेज समेत अन्य से जवाब मांगा है. मामला छात्रों के मूल दस्तावेजों वापस पाने से जुड़ा है. छात्र हीना नंदवानी, जानदीप सिंह, अवंतिका और रितिका अनेजा ने कोर्ट में ये याचिका दायर की है. इन चारों छात्रों ने याचिका में मेडिकल कॉलेज से अपने मूल डॉक्यूमेंट्स वापस पाने के लिए अतिरिक्त भुगतान की गई लगभग 18 लाख रुपये की राशि वापस किए जाने की मांग की है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे.
याचिका के अनुसार, NEET-PG काउंसलिंग और नौकरी के लिए अप्लाई करने को लिए उनको अपने ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट वापस चाहिएं, इसलिए छात्रों को अखिल भारतीय कोटे के लिए ₹25.77 लाख और राज्य कोटे के लिए ₹17.26 लाख रुपये की पूरी राशि कॉलेज को चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा. याचिका में कहा गया कि शीर्ष अदालत के 9 सितंबर के आदेश के अनुपालन में छात्रों ने कॉलेज से 7.5 लाख रुपये की कटौती के बाद शेष राशि वापस करने की मांग की लेकिन मेडिकल कॉलेज ने छात्रों को राशि वापस करने से इनकार कर दिया.
दरअसल, बीती 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के एक मामले में 91 छात्रों को राहत देते हुए संबंधित मेडिकल कॉलेज से ₹7.5 लाख के भुगतान पर छात्रों के रोके गए मूल दस्तावेज जारी करने को कहा था. इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने छात्रों को पूरी राशि का भुगतान नौ किस्तों में करने का निर्देश दिया था.