दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति मां को लौटाने का आदेश दिया, बेटे ने किया था उनसे बुरा व्यवहार - SUPREME COURT QUASHING A GIFT DEED

सुप्रीम कोर्ट ने एक गिफ्ट डीड को रद्द करते हुए कहा कि, माता-पिता का भरण-पोषण करना बेटे और बेटी दोनों का सामाजिक दायित्व है.

supreme-court-orders-restoration-of-a-property
सुप्रीम कोर्ट (ANI)

By Sumit Saxena

Published : Jan 3, 2025, 6:57 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक गिफ्ट डीड को रद्द करते हुए एक संपत्ति मां को लौटाने का आदेश दिया है. आरोप है कि, बेटे ने संपत्ति प्राप्त करने के बाद माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार किया था. जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की बेंच मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, यदि बच्चे अपने दायित्व को पूरा करने में विफल रहते हैं तो माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत गठित न्यायाधिकरणों को माता-पिता को संपत्ति लौटाने का आदेश देने का अधिकार है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक गिफ्ट डीड को रद्द कर दिया और एक मां को संपत्ति लौटा दी. मां ने आरोप लगाया था कि, संपत्ति के आगे ट्रांसफर के लिए बेटे ने उस पर और उसके पति पर हमला किया था. जिससे दोनों पक्षों के बीच प्यार और स्नेह पूरी तरह से खत्म हो गया था. जिसके बाद दंपती ने गिफ्ट डीड को रद्द करने के लिए अदालत का रुख किया.

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक महिला से संबंधित मामले पर आया, जिसने 2019 में एक उपहार विलेख (Gift Deed) के माध्यम से अपनी संपत्ति अपने बेटे को ट्रांसफर कर दी थी, इस शर्त के साथ कि वह उसकी और उसके पति की देखभाल करेगा. जब बेटे ने अपनी मां के साथ बुरा व्यवहार करना शुरु किया तो पीड़िता ने 24 दिसंबर, 2020 को उपमंडल मजिस्ट्रेट, छतरपुर के समक्ष अधिनियम की धारा 22 और 23 के तहत एक आवेदन दायर किया.

आवेदन में आरोप लगाया गया कि संपत्ति के आगे हस्तांतरण के लिए बेटे ने उन पर और उनके पति पर हमला किया. ऐसे स्थिति में बेटे का साथ उनके अच्छे संबंध नहीं रहे.उन्होंने गिफ्ट डीड को रद्द करने की कोर्ट से प्रार्थना की. आवेदन को अनुमति दी गई. प्रतिवादियों ने आदेश के खिलाफ अपील दायर की, जिसे अप्रैल 2022 में खारिज कर दिया गया. हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश ने भी माता-पिता के पक्ष में फैसला सुनाया.

हालांकि हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने सिंगल बेंच के फैसले को खारिज कर दिया. मां ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के खंडपीठ द्वारा दिए गए फैसले को खारिज कर दिया.

ये भी पढ़ें:'जिन न्यायाधीशों के बच्चों को वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया, उनके नाम बताएं', सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगा जवाब

ABOUT THE AUTHOR

...view details