नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें संस्थान में उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था.
कोर्ट ने कहा कि इस याचिका में पक्षकार बनने के लिए उनका कोई अधिकार नहीं है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच जिसमें जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे. पीठ ने घोष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. घोष का प्रतिनिधित्व कर रही वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने बेंच के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह ऐसा मामला है, जिसमें उनके मुवक्किल के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है और वे इसे अस्पताल में हुई बलात्कार की घटना से जोड़ रहे हैं, जो सही नहीं है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष घोष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. घोष का प्रतिनिधित्व कर रहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह एक ऐसा मामला है जिसमें उनके मुवक्किल के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है और वे इसे अस्पताल में हुई बलात्कार की घटना से जोड़ रहे हैं, जो सही नहीं है.
जूनियर डॉक्टर की हत्या और रेप के बाद प्रदर्शन
सरकारी अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की हत्या और कथित बलात्कार के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. 23 अगस्त को हाईकोर्ट ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश दिया.