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'यह रुकना चाहिए', तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की कैबिनेट में फिर से नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलने के तुरंत बाद सेंथिल बालाजी ने मंत्री पद की शपथ ली, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 5 hours ago

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलने के तुरंत बाद कैबिनेट पद पर फिर से नियुक्त किए जाने से चिंतित है. कोर्ट ने कहा, "हम जमानत देते हैं और अगले दिन आप जाकर मंत्री बन जाते हैं! यह बंद होना चाहिए...".

यह मामला जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ए जी मसीह की पीठ के समक्ष आया. पीठ बालाजी की कैबिनेट पद पर नियुक्ति के बारे में घटनाक्रम के बारे में जानकर आश्चर्यचकित हुई और इस बात पर जोर दिया कि यह चिंता का विषय है.

'यह बंद होना चाहिए'
पीठ ने कहा, "हम जमानत देते हैं और अगले दिन आप जाकर मंत्री बन जाते हैं! यह बंद होना चाहिए." पीठ ने कहा कि कोई भी यह सोचने के लिए बाध्य होगा कि बालाजी के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री होने के कारण गवाह अब दबाव में होंगे. मामले में गवाहों पर उनकी मंत्री भूमिका के प्रभाव पर जोर देते हुए पीठ ने कहा कि यह क्या हो रहा है? बालाजी के खिलाफ मामला कथित तौर पर नौकरी के लिए नकदी घोटाले से जुड़ा है.

पीठ ने मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक के विद्या कुमार द्वारा दायर आवेदन पर बालाजी से जवाब मांगते हुए कहा कि यहां मूल सिद्धांत यह है कि न्याय न केवल किया जाना चाहिए बल्कि स्पष्ट रूप से न्याय होता हुआ दिखना भी चाहिए. आवेदन में 26 सितंबर के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को जमानत दी थी, ताकि मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित की जा सके.

गवाही देने के मूड में नहीं होंगे गवाह
अदालत ने स्पष्ट किया कि वह इस सवाल के बहुत सीमित दायरे की जांच कर रही है. क्या बालाजी की मंत्री पद पर नियुक्ति ने गवाहों के बीच डर या दबाव का माहौल बनाया. पीठ ने बालाजी के वकील से इस पर निर्देश लेने को कहा. पीठ ने कहा, "आशंका यह है कि दूसरे प्रतिवादी के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, गवाह उनके खिलाफ गवाही देने के मूड में नहीं होंगे, क्योंकि अब वह कैबिनेट मंत्री का पद संभाल रहे हैं."

13 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को तय की है, जबकि उसने अपने पहले के फैसले में हस्तक्षेप करने से परहेज किया है. बता दें कि 29 सितंबर को बालाजी ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के मंत्रिमंडल में बिजली, गैर-पारंपरिक ऊर्जा और आबकारी विभागों का प्रभार संभालते हुए मंत्री के रूप में शपथ ली.

इससे पहले 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और डीएमके के कद्दावर नेता सेंथिल बालाजी को नौकरी के बदले कैश घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जमानत देते हुए कहा था कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा.

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