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सक्सेस स्टोरी एक ट्रांस वुमन की: 'मर्द' की पहचान खोकर बनी हन्ना राठौड़, फिर कर दिया बड़ा कमाल - TRANSGENDER HANNA RATHODE

स्पेन में वैज्ञानिक के रूप में काम करते हुए, हन्ना पिछले साल मिस वर्ल्ड ट्रांस पेजेंट में उपविजेता बनीं और अब वह साथी ट्रांसजेंडरों को प्रेरित कर रही हैं.

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हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 17, 2024, 6:50 PM IST

अनंतपुरम: आंध्र प्रदेश के अनंतपुरम जिले के सोमलाडोड्डी के छोटे से गांव की ट्रांस महिला हन्ना राठौड़, आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. जिन्होंने अपनी उल्लेखनीय यात्रा से कई लोगों को प्रेरित किया है. मुश्किल भरी चुनौतियों पर काबू पाकर, हन्ना ने न केवल अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्टता हासिल की है, बल्कि सौंदर्य के क्षेत्र में और एक वैज्ञानिक के तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी हासिल की है.

वैसे देखा जाए तो ट्रांसजेंडर एक तरह से कमतर आंके जाते हैं. कोई यह समझाने की कोशिश नहीं करता कि आनुवंशिक दोष इसका कारण है. हन्ना राथोड ने खुलासा किया कि अपने लिए ऊंचा मुकाम हासिल करने के बाद उन्होंने ट्रांसफ्यूजन करवाया. स्पेन में वैज्ञानिक के रूप में काम करते हुए, वह पिछले साल मिस वर्ल्ड ट्रांस पेजेंट में उपविजेता बनीं और अब वह साथी ट्रांसजेंडरों को प्रेरित कर रही हैं.

हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

अनंतपुर जिले के सोमालाडोड्डी गांव में आनंद बाबू के रूप में जन्मे हन्ना मल्लेश-पद्मावती की तीसरी संतान हैं. उनके माता-पिता फल व्यापारी थे. उनका शुरुआती जीवन काफी चुनौतियों से भरा रहा. स्कूल में दोपहर के भरपेट भोजन पाने की लालसा ने आनंद बाबू उर्फ हन्ना को स्कूल जाने के लिए मजबूर कर दिया. हालांकि, भरपेट भोजन की ललक के कारण आनंद बाबू को पढ़ाई-लिखाई की तरफ रुचि बढ़ी. फिर उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. वह कक्षा में अव्वल आने लगा.

हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

हालांकि, 6 साल की उम्र में आनंद बाबू ने अपने शरीर में हार्मोनल परिवर्तन देखा. आनंद को लगा कि,उसका शरीर तो लड़के का है लेकिन भावनाएं लड़कियों वाली है. ऐसे में आनंद उर्फ हन्ना को इस डर ने सताया कि लड़की की तरह बनने की उसकी इच्छा के बारे में जानने से उसकी पढ़ाई में बाधा आएगी. वह अपनी पढ़ाई में पीछे नहीं रहा. दानदाताओं की मदद से उसने बीफार्मेसी भी पूरी कर ली. कॉलेज के दिनों से ही हन्ना का सपना विदेश में एमएस करने का था. लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से आनंद बाबू को 2 साल तक अनंतपुर के एक स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम करना पड़ा. जूनियर फार्मा छात्रों को ट्यूशन से मिलने वाली मामूली फीस ने भी उनकी बचत को बढ़ाया.

हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

इसी बीच अनंतपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस में नौकरी मिलने के बाद उस पर शादी का दबाव बनने लगा. वह किसी लड़की की जीवन को बर्बाद नहीं करना चाहता था. वह इसलिए क्योंकि एक लड़का होने के बावजूद उसके भीतर एक लड़की वाली फिलिंग थी. इसलिए विदेश में एमएस के अवसर के लिए फिर से प्रयास शुरू कर दिए. क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में हजारों लोगों को पछाड़कर आनंद को स्पेन में एमएस की सीट भी मिल गई. फिर बायोइंजीनियरिंग सॉल्यूशंस में वैज्ञानिक के तौर पर काम करने का अवसर मिला. हन्ना ने इस दौरान भी अपने अंदर हो रहे हार्मोनल परिवर्तन के बारे में किसी को नहीं बताया, जब तक कि वह वैज्ञानिक के तौर पर स्थापित नहीं हो गईं.

हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

हन्ना ने कहा "जब मैं छह साल की थी, तब मुझे एहसास हुआ कि मेरी सारी भावनाएं एक लड़की जैसी हैं. मुझे पता था कि अगर मैंने इस बारे में बात की, तो समाज मुझे आगे नहीं बढ़ने देगा. मैंने अपने मन में सब कुछ छिपा लिया क्योंकि मुझे डर था कि मेरी ज़िंदगी कहां खत्म हो जाएगी. हन्ना ने बताया कि, उसे डर था कि, कही लोगों को उसकी स्थिति के बारे में पता लगते ही उसके माता पिता का नाम खराब हो जाएगा.

हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

इसी डर से उसने पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी कर ली. हन्ना का कहना है कि,जीवन में सफलता अर्जित करने के बाद उसने खुद के पैसों से सर्जरी करवाई और आनंद बाबू से हन्ना राठौड़ बन गईं. उसके बाद फिर से अपने प्रयासों को एक नया आयाम देते हुए हन्ना राठौड़ ने मिस वर्ल्ड ट्रांस प्रतियोगिता की उपविजेता बनीं.

हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

पिछले साल स्पेन की राजधानी मैड्रिड में मिस वर्ल्ड ट्रांस प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. वहां रहकर काम करने वाली हन्ना को जब इस बारे में पता चला तो उसने भारत की ओर से प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और उपविजेता बनीं. उनका कहना है कि उन्होंने भारतीय ट्रांसजेंडरों को प्रेरित करने के इरादे से इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया.

आज हन्ना राठौड़ किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. आज उसके अनपढ़ माता-पिता ने उसे एक बड़े दिल वाली लड़की के रूप में स्वीकार किया है. दोस्तों और रिश्तेदारों का कहना है कि उन्हें हन्ना राठौड़ को देखकर गर्व होता है, जो तमाम मानसिक पीड़ाओं के बावजूद एक ऊंचे मुकाम पर पहुंची है.

हन्ना राठौड़ की सक्सेस स्टोरी (ETV Bharat)

हन्ना राठौड़ ने यह साबित कर दिया है कि ट्रांसजेंडर भी वैज्ञानिक बन सकते हैं. हन्ना आज 3 भाषाओं में एक किताब भी लिख रही हैं, जिसमें इस मुकाम तक पहुंचने में आने वाली मुश्किलों और दर्द को बताया जाएगा. इतना ही नहीं हन्ना राठौड़ इस साल दिल्ली में होने वाली मिस यूनिवर्स ट्रांस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही हैं.

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