जगदलपुर के 64 बच्चों ने क्वालिफाई किया नीट एग्जाम, ज्ञानगुड़ी कोचिंग में की थी पढ़ाई - Success of Bastar students in NEET UG 2024 exam - SUCCESS OF BASTAR STUDENTS IN NEET UG 2024 EXAM
जगदलपुर के 64 बच्चों ने नीट एग्जाम क्वालिफाई किया है. ये सभी शासन की ओर से संचालित ज्ञानगुड़ी कोचिंग में निःशुल्क क्लास करते थे.
64 बच्चों ने क्वालिफाई किया नीट एग्जाम (ETV BHARAT)
जगदलपुर के बच्चों ने क्वालिफाई किया नीट एग्जाम (ETV Bharat)
जगदलपुर:जगदलपुर के 64 बच्चों ने नीट एग्जाम क्वालिफाई किया है. ये सभी बच्चे जिला प्रशासन की ज्ञानगुड़ी कोचिंग से पढ़ाई करते थे. यहां आदिवासी बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए निःशुल्क शिक्षा दी जाती है. यही कारण है कि ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर में भारी संख्या में आदिवासी क्षेत्र के बच्चे पढ़ने आते हैं. यह सरकारी कोचिंग सेंटर है.
निशुल्क दी जाती है बच्चों को शिक्षा: दरअसल, बस्तर जिला प्रशासन की ओर से ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर संचालित किया जा रहा है. यहां आदिवासी बच्चों को निःशुल्क कोचिंग क्लास दी जा रही है. इस कोचिंग सेंटर से इस साल 64 बच्चों ने नीट क्वालिफाई किया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के गरीब किसानों के बच्चों ने भी नीट की परीक्षा में सफलता हासिल की है. नीट क्वालिफाई करने वाले छात्रों से जिला कलेक्टर ने चर्चा की. नीट क्वालीफाई ऐश्वर्या ने कहा कि, "इलाज के अभाव में उसके दादाजी की मौत हुई थी, लेकिन अब बस्तर में यदि वे डॉक्टर बनकर किसी की जान बचाएगी, तो वो दादा जी सपने को पूरा करेगी. मानेगी कि दादाजी उनके साथ हैं."
कलेक्टर ने बढ़ाया बच्चों का हौसला: बच्चों से चर्चा के दौरान जिला कलेक्टर विजय दयाराम के ने कहा कि, "मेहनत का कोई लक्ष्य नहीं होता. कर्तव्य करते रहें, सफलता कदम चूमेगी. आपकी सफलता से बस्तर गौरवान्वित हुआ है. आमतौर पर छात्र टीचर या पुलिस बनना चाहते हैं. डॉक्टर-इंजीनियर की बात कोई नहीं करता. हालांकि यहां पहली बार हुआ है कि बस्तर के बच्चों ने डॉक्टर इंजीनियर बनने के लिए नीट क्वालिफाई किया है. ज्ञानगुड़ी का मकसद ही यही है कि विकास को पंख मिले.आपकी सफलता को देखकर हजारों बच्चों को प्रेरणा मिलेगी."
किसी ने कल्पना नहीं की थी कि इतनी बड़ी संख्या में बस्तर से बच्चे नीट क्वालिफाई करेंगे. प्लेटफॉर्म मिलता है, तो आगे बढ़ने का मौका भी मिलता है. डॉक्टर बनने के बाद अपने क्षेत्र का ख्याल रखें और बस्तर के प्रति गंभीर रहें. बस्तर को पिछड़ा क्षेत्र के नाम से देखा जाता है. लोगों के इस भावना को हमें बदलना है. इस बार नीट क्वालिफाई करने वाले बच्चों में दंतेवाड़ा के विधायक रहे भीमा मंडावी की जहां हत्या हुई थी, उस गांव का लखूराम पोड़ियामी और बस्तर के पहले बारूदी विस्फोट वाले गांव बंगोली का समीर मरकाम भी शामिल है. ये अपने घर से दूर रहकर नीट क्वालीफाई करने में सफल रहे. -शलभ सिन्हा, एसपी
बता दें कि जगदलपुर के कुल 76 बच्चों में 64 ने नीट क्वालिफाई किया है. इनमें 36 बच्चे लगातार क्लास करते थे, जबकि अन्य ने क्रैश कोर्स और समय-समय पर कोचिंग ली है.