नई दिल्ली/कोलकाता : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना को लेकर रविवार को कांग्रेस और टीएमसी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफा देने की मांग की. बता दें कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात भगदड़ मचने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए. इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि रेलमंत्री वैष्णव इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें रेलवे स्टेशन पर कुप्रबंधन को लेकर बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए.
श्रीनेत ने कहा कि रेल अफसरों को पता था कि कितने संख्या में लोग रेलवे स्टेशन परिसर में प्रवेश कर रहे हैं और हर घंटे 1500 टिकट बेची जा रही हैं. उन्होंने कहा कि स्टेशन पर एकत्र हुई भीड़ के प्रबंधन को लेकर उचित व्यवस्था नहीं किए जाने से यह हादसा हुआ.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यहां दो हिंदुस्तान हैं जहां एक तरफ राजा अपने दोस्तों को कुंभ में स्नान कराता है तो वहीं दूसरी ओर आम जनता रेलवे प्लेटफॉर्म पर मर रही होती है. उन्होंने कुंभ में जारी वीआईपी प्रणाली का भी जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि कल हुई घटना को देखते हुए रेल मंत्री को एक मिनट भी अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं है. श्रीनेत ने कहा, ‘‘रेल मंत्री को इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल प्रभाव से पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. अन्यथा, यदि वह इस त्रासदी के लिए अपना इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए.’’
टीएमसी बोली- सरकार ने भगदड़ को छिपाने की कोशिश की, रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने रविवार को केंद्र पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को छिपाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को बर्खास्त करने की मांग की.
एक्स पर एक पोस्ट में, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना को "बहुत ही दुखद" बताया और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर योजना और प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक समारोहों के दौरान. उन्होंने कहा, "दिल्ली भगदड़ में 18 लोगों की मौत बहुत ही दुखद है. यह दर्दनाक घटना सावधानीपूर्वक योजना और प्रबंधन के महत्व को उजागर करती है, खासकर जब नागरिकों की सुरक्षा की बात आती है."
उन्होंने कहा कि महाकुंभ के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों को उचित सहायता और सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं, न कि परेशानी. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी यात्राएं सुरक्षित और सुव्यवस्थित हों.
वहीं टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इस घटना को रेलवे द्वारा दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और घोर कुप्रबंधन का परिणाम करार दिया.
उन्होंने कहा कि यह यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल होने का एक और उदाहरण है. आरक्षित डिब्बों पर बाहरी लोग कब्जा कर रहे हैं, अराजकता व्याप्त है और अब हमारे सामने यह भयानक भगदड़ मची है. वहीं रेल मंत्री को केवल प्रचार में रुचि है! उन्हें यह एहसास होने से पहले कि उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, और कितनी जानें जानी चाहिए? इसी क्रम में टीएमसी की राज्यसभा की उपनेता सागरिका घोष ने सरकार पर "भारतीय नागरिकों के जीवन के साथ बेरहमी से खेलने" का आरोप लगाया और इसे "शब्दों से परे दुखद" बताया.
टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने मांग की कि वैष्णव को या तो बर्खास्त किया जाना चाहिए या इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने घटना को "ढंकने" की कोशिश करने के लिए रेलवे की आलोचना की.
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