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कश्मीर का पहला 'स्माइल' आश्रय गृह, भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने की दी जा रही ट्रेनिंग - SMILE REHABILITATION HOME

SMILE केंद्र में शहर के विभिन्न हिस्सों से लाए गए भिखारियों को आवश्यक भोजन और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

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SMILE आश्रय गृह में रह रहे लोग (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 14, 2025, 6:15 PM IST

श्रीनगर: श्रीनगर में, SMILE योजना के तहत, शहर के हवाल क्षेत्र में एक स्माइल होम की स्थापना की गई है. यह केंद्र, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) प्रयास और जिला प्रशासन के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है, जो उन व्यक्तियों को आवास, भोजन और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करता है जो भीख मांगते हैं.

आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण
इस आश्रय गृह में, शहर के विभिन्न हिस्सों से लाए गए भिखारियों को आवश्यक भोजन और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. इसके अलावा, उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. महिलाओं को कटाई और सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि पुरुष एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. यहां बुजुर्ग और युवा दोनों हैं, जिनमें से कई शारीरिक रूप से विकलांग हैं. यहां रह रहे लोगों का कहना है कि केंद्र में बेहतर भोजन और सहायता दोनों मिल रहा है. कई ने आजीविका के अवसर मिलने पर भीख मांगना छोड़ने की बात कही है.

कश्मीर का पहला 'स्माइल' आश्रय गृह भिखारियों के लिए आजीविका के अवसर प्रदान करता है (ETV BHARAT)

श्रीनगर में लगभग 1,000 भिखारी सक्रिय
आंकड़ों के अनुसार हाल के वर्षों में, कश्मीर घाटी में भिखारियों की संख्या में वृद्धि हुई है. वे अक्सर ट्रैफिक सिग्नल, पर्यटन स्थल, अस्पताल, और पेट्रोल पंपों पर देखे जाते हैं. प्रयास द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, श्रीनगर में लगभग 1,000 भिखारी सक्रिय हैं, गर्मियों के महीनों में यह संख्या बढ़ जाती है. यह कुपवाड़ा, कुलगाम, राजौरी और हंदवाड़ा जैसे जिलों के अलावा अन्य राज्यों से भी आते हैं.

SMILE योजना लागू करने वाला पहला जिला
श्रीनगर केंद्र द्वारा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा शुरू की गई SMILE योजना लागू करने वाला जम्मू और कश्मीर का पहला जिला बन गया है. श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. बिलाल मोहिउद्दीन भट ने बताया कि जिला प्रशासन न केवल भिक्षावृत्ति को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि प्रभावित व्यक्तियों को सम्मानजनक आजीविका हासिल करने में आवश्यक मदद मिले.

केंद्रे में आवश्यक भोजन और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं (ETV BHARAT)

'इन व्यक्तियों का पुनर्वास एक चुनौती'
प्रयास के स्वयंसेवकों का कहना है कि हाशिए पर पड़े इन व्यक्तियों का पुनर्वास एक चुनौती है. उन्होंने कहा किया कि सड़कों से भिखारियों को हटाना ही काफी नहीं है. उन्हें आत्मनिर्भरता और सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए कौशल प्रदान करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने इस पहल के समर्थन में नागरिक अधिकारियों, पुलिस और आम जनता की भूमिका को भी स्वीकार किया.

श्रीनगर में SMILE भिखारी पुनर्वास गृह में काम करते स्वयंसेवक (ETV BHARAT)

बता दें कि, SMILE योजना 1960 के भिक्षावृत्ति अधिनियम के अनुरूप है, जिसमें शुरू में भीख मांगना अपराध था. हालांकि, एक ऐतिहासिक हाईकोर्ट के फैसले ने कल्याणकारी राज्य और हाशिए पर पड़े लोगों के पुनर्वास के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे SMILE पहल की शुरुआत हुई.

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