नक्सलियों के बीच विचारधारा का विभाजन, विकास और व्यक्तिगत लाभ पर बंटे माओवादी: डिप्टी सीएम विजय शर्मा - Ideologies In Naxalites
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या कई दशकों से चली आ रही है. कितनी सरकारें आई और गई लेकिन नक्सलवाद पर लगाम नहीं लग सका और न ही यह समस्या खत्म हो पाई है. इस बीच छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने मीडिया को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों के बीच विचारधारा का विभाजन हो गया है. नक्सली दो पार्ट में बंट गए हैं.
रायपुर: छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या पर प्रदेश के गृह मंत्री और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि नक्सलियों के बीच विचारधारा का विभाजन हो चुका है. नक्सलियों में भी एक ग्रुप ऐसा है जो विकास चाहता है. जबकि दूसरा ग्रुप अपना व्यक्तिगत लाभ चाहता है. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने यह बयान न्यूज एजेंसी और मीडिया से बातचीत में दिया है.
"नक्सलियों का एक गुट चाहता है विकास": न्यूज एजेंसी से बातचीत में विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों का एक गुट विकास चाहता है. जबकि दूसरा गुट व्यक्तिगत लाभ चाहता है.
"नक्सलियों के बीच विचारधारा का विभाजन है. एक समूह वे हैं जो विकास चाहते हैं, वे नक्सली गतिविधियों से खुश नहीं हैं. सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह उनका समर्थन करेगी. इस विभाजन का कारण यह है कि कुछ लोग अपना लाभ चाहते हैं. उन्हें क्षेत्र की परवाह नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों को क्षेत्र की चिंता है.": विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ सरकार विकास पर कर रही फोकस: इससे पहले सीएम विष्णुदे साय ने पिछले दिनों दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी. सीएम साय ने केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी. उनसे कृषि और ग्रामीण विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई. मुख्य रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना और मनरेगा पर चर्चा हुई. इन क्षेत्रों के लिए आधार आधारित भुगतान प्रणाली में छूट की बात हुई. इसका जिक्र भी विजय शर्मा ने मीडिया को दिया.
नक्सल क्षेत्र के लिए सीएम साय ने केंद्र से की कई मांगें: केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात के दौरान साय ने नक्सल क्षेत्रों में विकास को लेकर शिवराज सिंह चौहान से बातचीत की थी. उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पित नक्सलियों और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की आवश्यकता जताते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में 10,500 नए पात्र परिवारों को शामिल करने का अनुरोध किया. इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पंचायतों के लिए आवास निर्माण की मंजूरी की भी मांग की. सीएम साय ने मनरेगा योजना के तहत आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) में 31 मार्च 2025 तक छूट देने की गुजारिश की. क्योंकि सुदूर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधाओं की कमी और अन्य समस्याएं हैं. उन्होंने इन क्षेत्रों में नकद भुगतान की अनुमति देने की भी मांग की, क्योंकि वहां बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं. इस तरह साय सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास करने की राह पर है.
"प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान के तहत 106 बड़े पुलों की स्वीकृति प्रक्रिया चल रही है. छत्तीसगढ़ के लिए शेष 426 पुलों के निर्माण की भी मांग की गई है. इस योजना के तहत इन पुलों का निर्माण महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आदिवासी क्षेत्रों की सड़क कनेक्टिविटी बेहतर होगी और नक्सलवाद उन्मूलन अभियान में भी मदद मिलेगी": विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार नक्सल इलाकों में विकास कार्यों को लेकर कई दावे कर रही है. इस तरह की योजनाओं पर काम की बातें कही जा रही है. अब देखना होगा कि नक्सल समस्या पर डिप्टी सीएम के बयान के बाद कांग्रेस की इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है.