सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दार्जिलिंग हिल्स और तराई-डुआर्स क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया कि गोरखालैंड के लंबे मुद्दे का समाधान निकट है और भाजपा पूरे मुद्दे के प्रति संवेदनशील है.
प्रधानमंत्री ने सिलीगुड़ी के कावाखाली मैदान में भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'हम अपने गोरखा भाइयों की समस्याओं, मुद्दों और चुनौतियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं. दार्जिलिंग के मुद्दों का समाधान बहुत दूर नहीं है और भाजपा हमेशा आपके साथ है. हम समस्याओं के प्रति सहानुभूतिशील भी हैं और संवेदनशील भी. तृणमूल कांग्रेस ने हिल्स में विभाजनकारी राजनीति की है और केवल दरारें पैदा की हैं. हमारे पास उत्तर बंगाल के लिए एक स्पष्ट रोडमैप है और इसमें तीन टी - चाय, टिंबर और टूरिज्म शामिल हैं. हम पूरे क्षेत्र के लिए एक संपूर्ण विकास पैकेज तैयार करेंगे.'
गोरखालैंड का मुद्दा लंबे समय से चला आ रहा है. ये 1907 में शुरू हुआ था, जब हिलमेन एसोसिएशन ऑफ दार्जिलिंग ने मॉर्ले-मिंटो रिफॉर्म्स कमीशन को एक ज्ञापन सौंपकर हिल्स के लिए एक अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग की थी. ये 1980 के दशक और फिर 2017-18 में हिंसक विरोध प्रदर्शन और लंबे समय तक बंद के साथ खूनी दौर से गुजरा है.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और जीएनएलएफ को झटका लगने और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के मुख्य कार्यकारी और भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष अनित थापा के साथ हाथ मिलाने के बाद तृणमूल कांग्रेस सचमुच ड्राइविंग सीट पर है, जिससे हिल्स की राजनीतिक गतिशीलता टीएमसी की ओर बहुत अधिक झुक गई है.
क्या प्रधानमंत्री के आज के शब्द गोरखा समुदाय को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे और आने वाले लोकसभा चुनावों में हिल्स से भाजपा को चुनावी लाभ देंगे, इस पर उत्सुकता से नजर रहेगी.
टीएमसी पर साधा निशाना :पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, 'इस लोकसभा चुनाव से तृणमूल कांग्रेस की भ्रष्ट राज्य सरकार को सत्ता से बाहर करने का दरवाजा सचमुच खुल जाएगा. टीएमसी ने कभी भी हिल्स के लोगों को कोई महत्व नहीं दिया. मैं गरीबों के विकास के लिए लगातार काम कर रहा हूं, लेकिन वंशवाद आधारित पार्टियों को यह पसंद नहीं आ रहा है.'