नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा कराने की शर्त पर मलेशिया में नस्लवाद विरोधी सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति दे दी. इस पर गुजरात सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुटकी लेते हुए कहा कि एक खास शख्स जाकिर नाइक, एक विवादास्पद इस्लामी उपदेशक, जिसे भगोड़ा घोषित किया गया है, मलेशिया में रहता है.
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सीतलवाड़ को अपनी यात्रा की डिटेल के साथ एक हलफनामा देने का निर्देश दिया और यह भी आदेश दिया कि सम्मेलन समाप्त होने के बाद उन्हें अपना पासपोर्ट वापस करना होगा.
'सीतलवाड़ के बैंक खाते फ्रीज'
वर्तमान में सीतलवाड़ 2002 के गुजरात दंगों के सिलसिले में गुजरात सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश के आरोपों से जुड़े एक आपराधिक मामले में जमानत पर बाहर हैं. सीतलवाड़ का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल 31 अगस्त से 10 सितंबर तक मलेशिया में नस्लवाद विरोधी सम्मेलन में भाग लेने के लिए जमानत की शर्त में ढील की मांग कर रही हैं. सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि सीतलवाड़ के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं.