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भीषण गर्मी का कहर! भारत के बिजली संयंत्रों के पास 67 फीसदी कोयला भंडार, केंद्र ने बताया - India power plants coal stock - INDIA POWER PLANTS COAL STOCK

Coal Stock during heat Wave: बिजली मंत्रालय ने इस भीषण गर्मी के दौरान 260 गीगावॉट तक की अधिकतम मांग का भी अनुमान लगाया है. पिछले साल सितंबर में बिजली की अधिकतम मांग 243 गीगावॉट के उच्चतम स्तर पर थी. भीषण गर्मी और बिजली खपत पर गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 7, 2024, 10:58 PM IST

Updated : May 8, 2024, 7:17 PM IST

नई दिल्ली: देश में भीषण गर्मी से लोगों का बुरा हाल है. बिजली की खपत बेतहाशा बढ़ती ही जा रही है. बढ़ते तापमान के बीच, बिजली मंत्रालय ने कहा है कि, भारत के बिजली संयंत्रों के पास 67 फीसदी कोयला का भंडार है. मंत्रालय के मुताबिक, 211 गीगावॉट की कुल क्षमता वाले देश में 184 ताप विद्युत संयंत्रों में वर्तमान में मानक कोयला स्टॉक स्तर का 67 प्रतिशत है. वहीं गैस आधारित उत्पादन के एक महत्वपूर्ण हिस्सा वर्तमान में कमर्शियल कारणों से उपयोग में नहीं है. बिजली मंत्रालय ने संकट अवधि के दौरान गैस आधारित उत्पादन स्टेशनों (जीबीएस) की परिचालन क्षमता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं.

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के 5 मई के आंकड़ों के अनुसार, सीईए द्वारा निगरानी किए जाने वाले 184 संयंत्रों में 70.55 मिलियन टन के मानक स्तर के मुकाबले 47.37 मिलियन टन कोयला भंडार है. गर्मी को देखते हुए मंत्रालय ने 260 गीगावॉट तक की अधिकतम मांग का अनुमान लगाया है. बता दें कि, साल 2023 में बिजली की अधिकतम मांग 243 गीगावॉट थी. आश्चर्य की बात है कि, अप्रैल 2024 में एक दिन में बिजली की अधिकतम मांग बढ़कर 224.18 गीगावॉट (GW) हो गई. जबकि अप्रैल 2023 में यह महज 215. 88 गीगावॉट ही थी. वहीं सबसे अधिक बिजली आपूर्ति की बात की जाए तो, 3 मई को 223.84 गीगावॉट तक पहुंच गई, जो पिछले साल मई में दर्ज 221.42 गीगावॉट से अधिक है. इस साल 1 मई को अधिकतम बिजली की मांग 219.37 गीगावॉट और 2 मई को 222.03 गीगावॉट थी.

वहीं, बिजली की अनुमानित उच्च मांग को देखते हुए, बिजली मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं जिनमें मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए देश में आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों को अनिवार्य रूप से चलाना शामिल है. मंत्रालय ने घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से छह प्रतिशत मिश्रण के लिए कोयला आयात करने को भी कहा है. वर्तमान में, बिना सौर-ऊर्जा के समय बिजली की 85 प्रतिशत मांग कोयला और लिग्नाइट उत्पादन के माध्यम से पूरी की जा रही है. दूसरी तरफ बिजली मंत्रालय ने संकट की अवधि के दौरान गैस आधारित उत्पादन स्टेशनों (जीबीएस) की परिचालन क्षमता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश भी जारी किए हैं.

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Last Updated : May 8, 2024, 7:17 PM IST

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