देहरादून: अल्मोड़ा बिनसर वन्य जीव अभ्यारण्य में एक दिन पहले वनाग्नि की घटना से हर कोई स्तब्ध है. इसमें चार वन कर्मियों की मौत हो गई थी. चार वनकर्मी झुलसे भी हैं. घटना के बाद पूरे प्रकरण की रिपोर्ट वन मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा ली गई थी. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी घटनाक्रम में पल-पल की रिपोर्ट दी जा रही थी.
बड़ी खबर ये है कि इस पूरे मामले में बड़े अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आ रही है. शायद यही कारण है कि अब वन विभाग के बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. ईटीवी भारत ने पहले ही सख्त एक्शन का अनुमान जता दिया था. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लगा दी है और इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो आईएफएस अफसरों को सस्पेंड किया है. एक आईएफएस अफसर को वन मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है.
ईटीवी भारत के पास पहले से ही ये एक्सक्लूसिव जानकारी मौजूद थी कि सीसीएफ कुमाऊं पर इस मामले में कार्रवाई की जा सकती है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री धामी की तरफ से दिए गए निर्देशों के क्रम में चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट कुमाऊं पीके पात्रो को वन मुख्यालय में अटैच किया गया है. कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट कोको रोसे को फोन नहीं उठाने के कारण निलंबित किया गया है. इसके अलावा डीएफ ध्रुव मार्तोलिया को भी सस्पेंड किया गया है.
कुमाऊं मंडल में वनाग्नि की घटनाओं को सरकार ने बेहद ज्यादा गंभीरता से लिया है. अब इस प्रकरण के सामने आने के बाद कई और बड़े अधिकारी भी रडार पर आ गए हैं. सरकार की तरफ से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि ऐसी गलतियों के लिए छोटे अधिकारियों को कार्रवाई की जद में लाने के बजाय जिम्मेदार बड़े अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, कुमाऊं क्षेत्र में मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं से लेकर वनाग्नि की घटनाएं भी सरकार के लिए परेशानी बढ़ा रही हैं. साथ ही आम लोगों को भी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.