जम्मू-कश्मीर: हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट की गिरफ्तारी पर परिवार ने उठाए सवाल - JKHCBA Ronga arrested
JKHCBA Ad hoc president Ronga arrested: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के सीनियर एडवोकेट नजीर अहमद रोंगा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. परिवार के सदस्यों ने इसकी जानकारी देते हुए गिरफ्तारी को गलत बताया.
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट (ETV Bharat URDU AND J&K Desk)
श्रीनगर:जम्मू- कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिवक्ता नजीर अहमद रोंगा को गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया. परिवार के सदस्यों ने इसकी जानकारी दी. रोंगा के बेटे एडवोकेट उमैर रोंगा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता एडवोकेट एन.ए. रोंगा को गिरफ्तार किया गया है. वह जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं.
उमैर रोंगा ने घटनाक्रम का वीडियो साझा करते हुए गिरफ्तारी की परिस्थितियों का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा, 'रात 1:10 बजे, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टुकड़ी बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के हमारे घर पहुंची. केवल यह कहते हुए कि 'यह ऊपर से आदेश है'. हम सदमे और गहरे संकट की स्थिति में हैं.' यह घटनाक्रम जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (JKHCBA) के भीतर हाल ही में हुए संशोधनों के बाद हुआ है.
विशेष रूप से इसके संविधान से कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करने वाले एक पैराग्राफ को हटाना शामिल है. संशोधित संविधान अब कानूनी पेशे और उसके सदस्यों के अधिकारों और हितों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. यह संशोधन 2020 में जिला मजिस्ट्रेट के एक निर्देश के बाद आया. इसमें बार के उद्देश्यों को भारत के संविधान के साथ संरेखित करने पर सवाल उठाया गया था, जो जम्मू और कश्मीर को देश का अभिन्न अंग मानता है.
5 जुलाई को लिखे पत्र में बार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट के 23 दिसंबर, 2023 के फैसले का हवाला देते हुए संशोधनों को प्रभावित करने का आरोप लगाया. बार ने अगस्त 2019 में लागू किए गए संवैधानिक परिवर्तनों के खिलाफ कानूनी चुनौतियों में अपनी भूमिका को स्वीकार किया.
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के अधीन प्रशासन ने पिछले पांच वर्षों में कानून और व्यवस्था की चिंताओं और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए जेकेएचसीबीए को चुनाव कराने की अनुमति देने से लगातार इनकार किया. श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट के एक हालिया आदेश में बार को 'अलगाववादी विचारधारा' वाली 'अपंजीकृत एसोसिएशन' के रूप में वर्णित किया गया.
जवाब में जेकेएचसीबीए ने अपने लगभग सौ साल पुराने इतिहास और कानूनी न्याय प्रणाली को कायम रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. बार ने एसोसिएशन की निंदा के रूप में वर्णित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसका दावा है कि यह न्याय और ईमानदारी के सिद्धांतों पर आधारित है.
रोंगा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की याचिका में शामिल होने के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले उन्हें 9 अगस्त, 2019 को हिरासत में लिया गया था. नजीर अहमद रोंगा वर्तमान में जेकेएचसीबीए के एड हॉक अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं, जबकि लंबे समय से अध्यक्ष रहे मियां अब्दुल कयूम एक हत्या के मामले में जेल में बंद हैं.
एनआईए के विशेष न्यायाधीश जतिंदर सिंह जामवाल ने हाल ही में कयूम को 15 दिन की न्यायिक रिमांड दी. जामवाल को 25 जून को वकील बाबर कादरी की 2020 की हत्या की साजिश में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वकील कयूम ने पुलिस रिमांड बढ़ाने का विरोध किया, लेकिन न्यायिक हिरासत का विरोध नहीं किया.