झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / bharat

81 नहीं, सिर्फ 31 सीटों के लिए होगी बैठक और तय हो जाएगा इंडिया ब्लॉक का सीट शेयरिंग फॉर्मूला, जानें वजह

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक में 81 नहीं बल्कि 31 सीटों को लेकर सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय नहीं हो पा रहा है.

Jharkhand Assembly Election
ईटीवी भारत ग्राफिक्स (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 11, 2024, 5:05 PM IST

रांची:झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है. सभी पार्टियां इसकी तैयारियों में जुटी हुई हैं. एक तरफ बीजेपी ने आजसू और जेडीयू को साथ रखकर मौजूदा महागठबंधन सरकार को चुनौती देने की पूरी तैयारी कर ली है. वहीं दूसरी तरफ जेएमएम और कांग्रेस ने इंडिया ब्लॉक में अपना कुनबा मजबूत कर लिया है.

आरजेडी के साथ अब सीपीआई (एमएल) भी इंडिया ब्लॉक के तहत झारखंड विधानसभा चुनाव लड़ेगी. ऐसे में इंडिया ब्लॉक में सीट शेयरिंग को लेकर मंथन शुरू हो गया है. सबसे खास बात यह है कि इंडिया ब्लॉक में 81 सीटों पर नहीं बल्कि 31 सीटों पर कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर ज्यादा असमंजस है. इसके पीछे एक बड़ी वजह है.

नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)

50 सीटों पर नहीं है कोई विवाद

इंडिया ब्लॉक में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा? क्या जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के इस बयान में कोई सच्चाई है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है? ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने महागठबंधन के दोनों बड़े दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं से बात की. इस बातचीत में पता चला कि 81 में से करीब 50 सीटों पर महागठबंधन के दलों के बीच कोई विवाद नहीं है.

ये वो 50 सीटें हैं, जहां 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और सीपीआई एमएल ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, कुल 81 विधानसभा सीटों में बाकी बचे 31 सीटों पर शेयरिंग का फॉर्मुला अभी तय नहीं हुआ है. इसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि इन सीटों को लेकर आगे होने वाली बैठकों में फैसला हो जाएगा.

बैठक में होगा फैसला

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि 2019 में सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 30 विधानसभा सीटें जीती थीं. राष्ट्रीय जनता दल 01 सीट जीतने में सफल रहा था और सीपीआई एमएल ने भी 01 सीट जीती थी. कांग्रेस ने तब 16 सीटें जीती थीं जबकि दो मौजूदा विधायकों जेपी पटेल और प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने से यह संख्या 18 हो जाती है. चारों दलों के पास 50 विनिंग सीटें हैं, जिन पर जीतने वाले का स्वाभाविक दावा होता है. जगदीश साहू ने कहा कि अब सीट शेयरिंग में इस विषय पर मंथन होगा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में कौन सी पार्टी दूसरे, तीसरे या चौथे स्थान पर थी और मौजूदा राजनीतिक स्थिति क्या है? इसी आधार पर फैसला लिया जाएगा.

झामुमो ने स्वीकार की कांग्रेस की बात

कांग्रेस द्वारा 31 सीटों को मुख्य केंद्र में रखकर विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग तय करने की बात को झामुमो ने भी स्वीकार किया है. जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय कहते हैं कि 2019 की जीती हुई सीटें तो ठीक हैं लेकिन हम शेष सीटों पर अपने महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए सार्थक चिंतन के साथ बैठेंगे. मनोज पांडेय ने कहा कि जीत का फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण होगा क्योंकि महागठबंधन को विधानसभा चुनाव में न सिर्फ भाजपा को हराना है बल्कि 2019 से भी बेहतर परिणाम भी लाना है.

महागठबंधन में कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां 2019 में गठबंधन में रहते हुए भी कांग्रेस, राजद, जेएमएम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था. सिमरिया, भवनाथपुर, बिश्रामपुर, जमशेदपुर पूर्वी, धनवार, बरकट्ठा जैसी विधानसभा सीटें इसमें शामिल हैं. 2019 में इन सीटों पर चुनाव लड़ने वाले महागठबंधन के उम्मीदवार दूसरे नहीं बल्कि तीसरे, चौथे, छठे और यहां तक ​​कि सातवें स्थान पर रहे थे. जाहिर है कि इस बार मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए यह लगभग तय है कि इन सीटों पर चुनाव लड़ने वाले महागठबंधन के दल और उम्मीदवार बदले जाएंगे.

यह भी पढ़ें:

किंग मेकर कोल्हान का सियासत में वर्चस्व, इस चुनाव में बदली-बदली है यहां की हवा!

झारखंड में भाजपा की गोगो-दीदी का साइड इफेक्ट, मंईयां योजना की चमक पड़ी फीकी! झामुमो को JMM सम्मान पर भरोसा

भाजपा की गोगो दीदी योजना रजिस्ट्रेशन फार्म को झामुमो ने बताया फर्जी! निर्वाचन आयोग से की ये मांग

ABOUT THE AUTHOR

...view details