नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन 6 कांग्रेस विधायकों की अयोग्यता पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिन्हें राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने और पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ वोट करने के लिए अयोग्य ठहराया गया था. शीर्ष अदालत ने उन्हें वोट देने या सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, 'हम नोटिस जारी कर सकते हैं, कोई कठिनाई नहीं है. कोई स्टे नहीं हो सकता.' विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अयोग्यता पर रोक के अभाव में याचिका निरर्थक हो जाएगी.
जस्टिस खन्ना ने कहा, 'शायद...क्षमा करें! यह संभव नहीं होगा...जहां तक नए चुनाव का सवाल है जो एक मुद्दा हो सकता है, हमें या तो नए चुनाव से पहले निर्णय लेना होगा या हम नए चुनाव नहीं होने देंगे. उसे हमें विपरीत दिशा में रखना होगा.' जस्टिस खन्ना ने कहा कि 'परिणाम आपके लिए हैं, हम आपको वोट देने और विधानसभा का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं देंगे.'
साल्वे ने स्पष्ट किया कि वह आज मतदान के लिए नहीं कह रहे हैं. जस्टिस खन्ना ने कहा कि 'नहीं, हम आपको भाग भी नहीं लेने देंगे.' साल्वे ने जवाब दिया कि ठीक है और 'मुझे यह नहीं बताया जा सकता कि क्षमा करें चुनाव हो गए हैं और आपकी जगह कोई और आ गया है.'
पीठ ने कहा कि वह उस हिस्से की जांच कर सकती है. साल्वे ने कहा कि दूसरे पक्ष को एक सप्ताह का नोटिस दें और मामले की सुनवाई तय करें. पीठ ने दोहराया कि अयोग्य विधायकों के विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं है.
साल्वे ने कहा कि दो अलग-अलग आयाम हैं: एक तो अदालत कह रही है कि वह अयोग्यता पर रोक नहीं लगाएगी और इस याचिका के लंबित रहने तक विधायक सदन में भाग नहीं ले सकते; और दूसरा यह कि चुनाव आयोग ने अब अधिसूचना जारी कर दी है और अब नए चुनाव नहीं हो सकते, क्योंकि अदालत इस मामले की सुनवाई करेगी.