सुप्रीम कोर्ट से बाबा रामदेव को बड़ी राहत, भ्रामक विज्ञापन मामले में बंद किया अवमानना का केस - SC On Ramdev Contempt Case - SC ON RAMDEV CONTEMPT CASE
SC Closes Contempt Case Against Swami Ramdev : बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में उनके खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया.
योग गुरु बाबा रामदेव (बाएं) और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण. (ANI)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया. शीर्ष अदालत ने पतंजलि उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापन और अन्य दावे जारी करने से रोकने के उनके वचनों को स्वीकार कर लिया.
न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने नवंबर 2023 से मई 2024 तक घटित घटनाओं के क्रम को देखते हुए कहा कि न्यायालय का मानना है कि प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं स्वामी रामदेव और बालकृष्ण के न्यायालय से माफी मांगने से पहले न्यायालय को दिए गए वचनों का उल्लंघन किया. लेकिन बाद में भी, न्यायालय से बिना शर्त माफी मांगने के बाद, उन्होंने सुधार करने के लिए कदम उठाने के प्रयास किए हैं.
पीठ ने कहा कि उन्होंने ना केवल अपने हलफनामे में व्यक्तिगत रूप से अपने आचरण के लिए खेद व्यक्त किया बल्कि राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित विज्ञापनों के माध्यम से भी अपनी माफी को प्रचारित किया.
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं को बिना शर्त माफी मांगने की समझदारी देर से आई. खासतौर से तब जब अदालत ने पहली बार उनकी माफी याचिका को खारिज कर दिया था. अदालत ने कहा कि उनके बाद के आचरण से पता चलता है कि उन्होंने खुद को शुद्ध करने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए हैं.
पीठ ने कहा कि हम उनकी ओर से की गई माफी को स्वीकार करने और मामले को बंद करने के लिए इच्छुक हैं. साथ ही, उन्हें अपने वचनों का पालन करने के लिए आगाह किया जाता है. पीठ ने रामदेव और बालकृष्ण को चेतावनी दी कि भविष्य में उनकी ओर से कोई भी उल्लंघन, चाहे वह काम में या भाषण में किया गया होगा, जो न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने या वचनबद्धताओं की शर्तों का अनादर करने के बराबर हो, उसे सख्ती से देखा जाएगा और इसके परिणाम वास्तव में गंभीर हो सकते हैं.
पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति में, अवमानना की तलवार जो अब अपने म्यान में वापस आ गई है, उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेगी, जितनी तेजी से ये कार्यवाही शुरू की गई थी. उपरोक्त आदेशों के साथ वर्तमान कार्यवाही बंद हो गई है, और प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं को जारी कारण बताओ नोटिस समाप्त हो गया है. सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापनों और अन्य दावों के संबंध में निर्णय पारित किया. विस्तृत निर्णय बाद में दिन में अपलोड किया जाएगा.