नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर मुफ्त प्रतीकों के आवंटन के खिलाफ तमिलनाडु स्थित गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, नाम तमिलर काची द्वारा दायर याचिका पर भारत के चुनाव आयोग से जवाब मांगा.
एक गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को चुनाव चिह्न दिया गया जो नाम तमिलर काची (एनटीके) को दिया गया. याचिकाकर्ता ने आगामी आम चुनाव के लिए तमिलनाडु और पुदुचेरी में एक अन्य राजनीतिक दल को मुफ्त प्रतीक 'गन्ना किसान' (गन्ना किसान) के आवंटन को चुनौती दी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे. पीठ ने अन्य राजनीतिक दल को भी नोटिस जारी किया.