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राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी संथन ने राजीव गांधी अस्पताल में ही तोड़ा दम

Rajiv Gandhi Hospital : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ठहराए गए संथन ने राजीव गांधी अस्पताल में ही दम तोड़ दिया. यह इत्तफाक ही है कि वह जिसकी हत्या में शामिल था, उन्हीं के नाम से बनाए गए अस्पताल में इलाज के दौरान उसने अंतिम सांस ली.

Santhan died in Rajiv Gandhi Hospital itself
संथन ने राजीव गांधी अस्पताल में ही दम तोड़ा

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 28, 2024, 3:50 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 4:44 PM IST

चेन्नई :राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी संथन ने अंतत: राजीव गांधी के नाम से ही बनाए गए अस्पताल में ही अंतिम सांस ली. संथन की तबीयत खराब होने पर राजीव गांधी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था. बता दें कि केंद्र सरकार ने 23 फरवरी को राजीव गांधी हत्याकांड से बरी हुए लोगों को श्रीलंका जाने की इजाजत दे दी थी. वहीं 30 साल की कैद से रिहा होने और श्रीलंका जाने में असमर्थ होने के बाद अंतत: संथन ने दम तोड़ दिया, इससे उसकी अपनी जन्मभूमि पर लौटने की इच्छा पूरी नहीं हो सकी.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार और रिहा किए गए संथन को त्रिची सेंट्रल जेल परिसर में श्रीलंकाई तमिलों के लिए विशेष शिविर में रखा गया था. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर इलाके में एक आत्मघाती बम हमले में हत्या कर दी गई थी. वहीं हत्या में शामिल होने के आरोप में भारतीयों सहित कई श्रीलंकाई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

इस घटना के सिलसिले में श्रीलंकाई संथन, मुरुगन, नलिनी, पेरारिवलन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद इन लोगों ने 32 साल जेल में काटे. वहीं राजीव गांधी हत्याकांड में आरोपी और दोषी ठहराए गए पेरारिवलन के बरी होने के बाद नलिनी, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को भी रिहा कर दिया गया. हालांकि उन्हें राजीव गांधी हत्याकांड के सिलसिले में बरी कर दिया गया था, लेकिन संथन और अन्य को श्रीलंका नहीं भेजा गया.

ऐसे में संथन ने पिछले साल श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को एक पत्र भेजा था जब वह त्रिची स्पेशल कैंप में थे. रानिल विक्रमसिंघे को लिखे गए उस पत्र में संथन ने लिखा था कि मैं, एक श्रीलंकाई नागरिक पर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का आरोप लगाया गया और मुझे जेल में डाल दिया गया. मैं पिछले साल नवंबर में जेल से रिहा हुआ था. वर्तमान में, मैं त्रिची सेंट्रल जेल परिसर में एक विशेष शिविर में बंद हूं. मैंने पिछले 32 साल से अपनी मां को नहीं देखा है. मैं बुढ़ापे में उनके साथ रहना चाहता हूं. एक बेटे के तौर पर मैं उनकी मदद करना चाहता हूं. श्रीलंका में मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं है. उसने अनुरोध किया कि कृपया मेरी कठिनाई पर विचार करें और मुझे श्रीलंका आने में मदद करें.

दूसरी तरफ संथन की तबीयत खराब होने पर उसे त्रिची सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल, चेन्नई ले जाया गया और 21 जनवरी को उसे वहां पर भर्ती कराया गया. राजीव गांधी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में इलाज करा रहे संथन की सोमवार को हालत काफी खराब हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि लिवर खराब हो जाने से पीड़ित संथन अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझ रहा था.

हालांकि डॉक्टरों ने बताया था कि हृदय गति, ब्लड प्रेशर, सांस आदि सामान्य थे और उसका ठीक ढंग से इलाज किया जा रहा था. बताया गया है कि केंद्र सरकार ने संथन को श्रीलंका जाने की अनुमति का पत्र त्रिची के कलेक्टर को भेजा था. इसके बाद उसके लिए श्रीलंका के लिए फ्लाइट का टिकट बुक किया जाना था. दूतावास से अनुमति मिलने के बाद संथन को श्रीलंका भेजा जान था. इसी बीच चेन्नई के राजीव गांधी अस्पताल में इलाज करा रहे संथन की मौत हो गई. वहीं राजीव गांधी की हत्या के मामले में 32 साल की सजा काटने के बाद संथन की अपने मूल देश श्रीलंका में जाकर रहने की इच्छा अंत तक पूरी नहीं हुई. अंतत: राजीव गांधी अस्पताल में उसका निधन हो गया.

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Last Updated : Feb 28, 2024, 4:44 PM IST

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