मुंबई : शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने इमरजेंसी को सही ठहराया है. राउत ने कहा कि उस समय की परिस्थिति ऐसी थी कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री होते, तो वह भी ऐसा ही करते. संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी का आरएसएस और शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने भी समर्थन किया था.
शिवसेना(यू) का यह बयान मोदी सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला किया है. इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को इमरजेंसी लगाई थी. इमरजेंसी के दौरान जनता के सारे अधिकारों में कटौती कर दी गई थी. विपक्षी पार्टियों के नेताओं को जेल भेज दिया गया था. अखबारों पर सेंसरशिप लागू था.
इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने बार-बार संविधान बचाओ अभियान का जिक्र किया. उन्होंने संसद में शपथ ग्रहण के दौरान भी संविधान की कॉपी लहराई. उनके साथ-साथ इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी संविधान बचाओ के नारे का समर्थन किया है. भाजपा ने कांग्रेस और शिवसेना (यू) दोनों पर हमला बोला है.
संजय राउत ने कहा कि इमरजेंसी उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर लगाई गई थी. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी 50 साल पहले लगा था, लोग भूल भी गए हैं, लेकिन वर्तमान सरकार इसे किसी न किसी बहाने चर्चा में लाना चाहती है, क्योंकि वह जनता का ध्यान मूल मुद्दा से भटकाना चाहती है.