तिरुवनंतपुरम: इस साल सबरीमला तीर्थयात्रा सीजन में बस कुछ ही दिन बचे हैं. इस बीच तीर्थयात्रियों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं ने दुर्भाग्य से कई लोगों की जान भी ली है. इस बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए, सबरीमला मंदिर की देखरेख करने वाले त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने ऐसी दुर्घटनाओं में मरने वालों के परिवारों को मुआवजा देने के उद्देश्य से एक नई दुर्घटना बीमा योजना शुरू की है.
कुछ दिन पहले लागू हुई इस योजना के तहत पथानामथिट्टा, कोल्लम, अलपुझा और इडुक्की जिलों में दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले तीर्थयात्रियों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. खास बात यह है कि यह बीमा तीर्थयात्रियों को बिना किसी शुल्क के मुफ्त में दिया जा रहा है.
इन तीर्थयात्रियों को मिलेगा दुर्घटना बीमा का लाभ
यह बीमा योजना उन सभी तीर्थयात्रियों को कवर करती है जो वर्चुअल क्यू सिस्टम या स्पॉट बुकिंग के माध्यम से अपनी यात्रा बुक करते हैं. इस पहल को लागू करने के लिए त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के साथ साझेदारी की है. देवस्वोम बोर्ड के अध्यक्ष पीएस प्रशांत के अनुसार, कवरेज को अतिरिक्त जिलों तक विस्तारित करने के लिए भी चर्चा चल रही है.
श्रमिकों को भी मिलेगा लाभ
एक अलग कदम में, देवस्वोम बोर्ड ने तीर्थ स्थल के रखरखाव में शामिल श्रमिकों के लिए एक दूसरी बीमा योजना शुरू की है. इसमें सबरीमला मंदिर की सफाई करने वाले 'विशुद्धि' कार्यकर्ता और पंपा से सन्निधानम तक श्रद्धालुओं को ले जाने वाले डोली कार्यकर्ता शामिल हैं. इंडिया पोस्टल पेमेंट्स बैंक के सहयोग से, यह योजना आकस्मिक मृत्यु या पूर्ण अपंगता के मामले में 10 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करती है. इस योजना में भाग लेने वाले श्रमिकों को 499 रुपये का प्रीमियम देना होगा.
त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने क्या कहा
योजना में नामांकित लोगों के बच्चों के लिए मुफ्त चिकित्सा बीमा और शैक्षिक सहायता सहित अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिए भी चर्चा चल रही है. तीर्थयात्रा के लिए, 13 जनवरी तक प्रतिदिन 5 हजार तीर्थयात्रियों के लिए स्पॉट बुकिंग उपलब्ध होगी. हालांकि, मकर विलक्कु दिवस (14 जनवरी) पर केवल 1 हजार तीर्थयात्रियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
देवस्वोम बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि, इन दिनों केवल वर्चुअल क्यू बुकिंग वाले लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी. यह पहल सबरीमला तीर्थयात्रा के मौसम के दौरान तीर्थयात्रियों और श्रमिकों दोनों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए चल रहे प्रयासों का हिस्सा है.
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